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यूपी पुलिस दो महीने में नहीं खोज पाई लड़की को, दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे में बचाया

नयी दिल्ली। जिस नाबालिग लड़की का पता यूपी पुलिस दो महीने में नहीं लगा पाई, दिल्ली पुलिस ने महज 24 घंटे के अंदर उसे बचा लिया। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में यूपी पुलिस की जमकर खिंचाई की। इसके साथ ही कोर्ट ने आगे की जांच भी दिल्ली पुलिस को सौंप दी है। शीर्ष कोर्ट ने यह फैसला लड़की की मां की याचिका पर दिया, जो दिल्ली में घरेलू नौकरानी का काम करती है। उसका परिवार जुलाई में गोरखपुर स्थित अपने गांव गया था। वहां से लड़की गायब हो गई थी। परिवार ने 9 जुलाई को गोरखपुर पुलिस थाने में मामले की एफआईआर लिखवाई थी।

दिल्ली पुलिस की एक टीम कोलकाता गई थी और वहां से लड़की को बरामद किया। साथ ही पुलिस ने उस व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया, जिसके ऊपर परिजनों ने लड़की के अपहरण करने का शक जाहिर किया था। लड़की की मां ने यूपी पुलिस के खिलाफ लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई है। लड़की और आरोपी की कॉल डिटेल होने के बावजूद यूपी पुलिस मामले में जरूरी कार्रवाई नहीं कर सकी। जस्टिस ए एम खानविलकर, ऋषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार की बेंच ने दिल्ली पुलिस की त्वरित कार्रवाई पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह यूपी पुलिस के लिए एक आईना है। जो काम वह दो महीने में नहीं कर सके, दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे से भी कम समय में कर दिखाया।

आपको लड़की की मां की चिंता से वाकिफ होना चाहिए
मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरएस सूरी ने कहा कि बुधवार को एक टीम ने कोलकाता की उड़ान भरी थी। यहां पर लड़की को रिकवर करने के बाद उसे सेफ कस्टडी में रख लिया गया है। लड़की के जल्द ही दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। यूपी पुलिस की तरफ से पेश होने वाले एडवोकेट विनोद दिवाकर से कोर्ट ने कहा कि यह मामला 13 साल की लड़की से जुड़ा है। हमारी चिंता यह है कि उसके साथ कुछ भी हो सकता था। मामले की नजाकत और जरूरत को समझते हुए एक्शन लेने के बजाए आप दो महीने का अतिरिक्त समय मांग रहे थे। स्टेट पुलिस का यह रिस्पांस नहीं होना चाहिए।

फॉर्मेलिटीज के बाद पैरेंट्स को सौंपने का निर्देश

वहीं कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह लड़की का मेडिकल परीक्षण कराएं। साथ ही अगर उसे किसी तरह की साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग की जरूरत है तो दिलाई जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी जरूरी फॉर्मेलिटीज पूरी करने के बाद लड़की को उसके परिजनों के हवाले कर दिया जाए। लड़की की मां के वकील अमित पाई ने कोर्ट से गुहार लगाई कि वह पुलिस को मिसिंग केसेज के लिए खास गाइडलाइंस जारी करें।

लड़की की मां ने जताई थी चिंता
लड़की की मां ने अपनी याचिका में यह चिंता जताई है कि उनकी बेटी के साथ कुछ भी गलत हो सकता था। उसका यौन उत्पीड़न किया जा सकता था, उसे देह व्यापार में धकेला जा सकता था, क्योंकि अपहरण करने वाला आपराधिक इतिहास वाला है। इससे पूर्व बुधवार को कोर्ट ने यूपी पुलिस से कॉल डिटेल्स पर कदम न उठाने पर सवाल पूछे थे। कोर्ट ने कहा था कि पीड़िता की मां के लिए हर घंटा कीमती है। आपको इस चिंता से वाकिफ होना चाहिए। कोर्ट ने मामला दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया है। साथ ही कोर्ट यूपी पुलिस से जांच जारी रखने को कहा है और दिल्ली पुलिस से सहयोग करने को कहा है। इसके अलावा केस से जुड़े सभी रिकॉर्ड भी ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया है।

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