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समाजवादी पार्टी कार्यालय में बढ़ी मुलायम सिंह यादव की सक्रियता, दे रहे बूथ मैनेजमेंट पर जोर

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और सरंक्षक मुलायम सिंह यादव एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की राजनीति में बेहद सक्रिय हो रहे हैं। बीमारी से उबरने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यालय में अक्सर दिखने वाले मुलायम सिंह यादव अब पार्टी के यूथ को ट्रेंड करने में लगे हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली में मानसून सत्र समाप्त होने के बाद लखनऊ का रुख किया। समाजवादी पार्टी को मुलायम सिंह यादव 2022 के विधानसभा चुनाव में नम्बर वन पर देखना चाहते हैं। वह पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ पार्टी दफ्तर में देखे जाते हैं। अक्सर मुलायम सिंह कार्यकर्ताओं को सभागार के मंच पर बुलाकर भाषण देने की ताकीद भी करते हैं। भाषण देने वाले कार्यकर्ता अगर किसी भी प्रकार की त्रुटि करते हैं तो मुलायम सिंह बीच मे टोक देते हैं और कार्यकर्ता को गलती का एहसास कराते हैं।

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की सक्रियता आजकल बढ़ी हुई नजर आ रही है। मुलायम सिंह यादव बीते कुछ दिनों से लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय में घंटो-घंटों बैठकर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे रहे हैं। कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह भी 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रचार करने से भी नहीं चूकेंगे।

हवा में न रहो बूथ पर काम करो

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बीते कई दिनों में मुलायम सिंह समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यालय पहुंचे और कई पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय रहूंगा और पार्टी का हर कार्यकर्ता अपने बूथ को मजबूत करे। उन्होंने कहा कि सपा ही सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ सकती है और सभी को अधिकार दिला सकती है। मुलायम सिंह यादव का अब इस प्रकार सक्रिय होना सपाइयों में खासा जोश भर रहा है।

अखिलेश के चेहरे पर भी चमक

मुलायम सिंह यादव के अचानक अब पार्टी कार्यालय आने से अखिलेश यादव के चेहरे पर नई चमक दिखाई देने लगी है। उन्होंने कहा कि नेताजी का यहां आना सोने पर सुहागा हो गया। नेताजी के अचानक सक्रियता से अखिलेश यादव भी खुश हैं, पार्टी में भले ही मुलायम सिंह यादव संरक्षक की भूमिका में हो लेकिन पार्टी और संगठन में उनकी पकड़ मजबूत है।विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का पूरा फोकस ओबीसी वोटरों पर है। वह यादव वोटरों में भी सेंधमारी की कोशिश कर रही है। ऐसे में यूपी में ओबीसी पॉलीटिक्स के सबसे बड़े चेहरे मुलायम सिंह यादव ही भाजपा के इस समीकरण को बिगाड़ सकते हैं।

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पुरानों को साथ लेकर चलेगी पार्टी

समाजवादी पार्टी कार्यालय में इसी बीच अम्बिका चौधरी की पार्टी में वापसी के दौरान अखिलेश यादव ने भी साफ तौर से कह दिया है कि नेताजी के साथियों और उनके जानने वालों को पार्टी में पूरा सम्मान मिलेगा। सब को साथ साथ लेकर चलेंगे और जो लोग जाने अनजाने में बिछड़ गए हैं उनको भी पूरा सम्मान मिलेगा।

संसद सत्र में भी जारी रहा मुलाकातों का दौर

मुलायम सिंह यादव मानसून सत्र में काफी सक्रिय दिखे और इस दौरान उन्होंने चौटाला परिवार के प्रमुख लोगों के साथ आरजेडी प्रमुख अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। इतना ही नहीं वह जनता दल यूनाइटेड से बाहर हो चुके शरद यादव से भी मिले। शरद यादव, लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव तीनों ही जेपी आंदोलन की उपज हैं। तीनों ने लगभग एक ही वक्त सियासत की शुरुआत की। सामाजिक न्याय की लड़ाई में तीनों ने ही बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जनता परिवार के विघटन के बाद तीनों ने ही अलग-अलग पार्टियां बना ली।

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