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37 जगहों पर खुले में नमाज, रोहिंग्याओं को भी भीड़ के लिए बुलाया: विरोध कर रहे 30 हिंदुओं को उठा ले गई गुरुग्राम पुलिस

गुरुग्राम। हरियाणा के गुरुग्राम में शुक्रवार को खुले में जुमे की नमाज को लेकर हिन्दू संगठनों सहित स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। पिछले पाँच सप्ताह से जारी विरोध के बाद भी समाधान न निकलने से हिन्दू-मुस्लिमों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। वहीं पुलिस ने कुल 37 जगहों पर नमाज़ पढ़ने की इजाज़त दी है। जिसके विरोध में हिन्दू महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में लोग आज पाँचवें सप्ताह भी भजन-कीर्तन और नारेबाजी करते हुए सड़क पर निकल आए। विरोध करने की कड़ी में गुरुग्राम के सेक्टर-12-ए इलाके में पहुँचे हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों को गुरुग्राम पुलिस ने हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या 30 बताई जा रही है।

मुस्लिम समूहों ने नूंह और पटौदी से अधिक लोगों को ‘समर्थन’ के लिए बुलाया है। हालाँकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि नूंह और पटौदी के मुसलमानों ने वास्तव में गुरुग्राम में मौजूद हैं या नहीं। नूंह मेवात में है और कथित तौर पर हाल के दिनों में बड़ी संख्या में वहाँ रोहिंग्याओं को बसाया गया है। मेवात में वही जगह हैं जो अपनी आपराधिक गतिविधियों के कारण अक्सर ‘मिनी पाकिस्तान’ के रूप में जाना जाता है।

मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष हाजी शहजाद खान ने कहा, “अगर वे (हिंदू समूह) नारे लगाते हैं, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब नहीं करना चाहते हैं, लेकिन अगर वे हमें निशाना बनाते हैं, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “हम कोई टकराव और संघर्ष नहीं चाहते हैं, हम दूसरी जगह स्थानांतरित होने के लिए तैयार हैं बशर्ते प्रशासन शांति की गारंटी दे सके।”

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज शांतिपूर्वक जुमे की नमाज की अदायगी के लिए 500 पुलिस के जवान पाँच जगहों पर तैनात हैं। ये फैसला हिन्दू संगठनों की तरफ से जारी विरोध को देखते हुए लिया गया है ऐसा पुलिस ने अपने बयान में जानकारी दी। विरोध के समर्थन में स्थानीय आबादी भी उठ खड़ी हुई है और पिछले दो हफ्तों से नमाज की जगहों पर भजन-कीर्तन, हनुमान चालीसा के पाठ से लगातार विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय ने पाँच जगहों पर अदा की जानेवाली नमाज के लिए खासतौर पर पुलिस सुरक्षा की माँग की थी। उन जगहों में डीएलएफ फेज-3, सेक्टर-12 ए, सेक्टर 14, सेक्टर 56 और सेक्टर 47 शामिल हैं।

पुलिस कमिश्नर केके राव ने कहा, “इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद पुलिस सुनिश्चित करेगी कि व्यवस्था में किसी तरह की रुकावट न आए।” उन्होंने बताया कि पुलिस को सख्ती से नमाज के दौरान खलल पैदा करनेवाले शरारती तत्वों पर पेश आने का आदेश दिया गया है। जिस वजह से पुलिस प्रर्दशनकारियों को हिरासत में ले रही है।

बता दें कि, 2018 में जिला प्रशासन ने जुमे की नमाज अदा करने के लिए 37 जगहों को चिह्नित किया था, जिसके बाद ट्रैफिक जाम सहित कई परेशानियों से जूझते हिंदूवादी संगठनों ने कई बार विरोध किया लेकिन हल नहीं निकला। इस साल भी हिन्दुओं ने इस फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है और सितंबर में सेक्टर 47 में जुमे की नमाज का विरोध तेज हो गया। जो बाद में सेक्टर-12 से होते हुए सभी खुले में नमाज वाली जगहों के विरोध का रूप लेता जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, क्षेत्र के स्थानीय लोगों के अलावा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल आदि जैसे हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नमाज के वक्त खुले इलाके में भारी भीड़ जमा हो जाती है, जिससे मुख्य मार्ग जाम हो जाता और यातायात बाधित होता है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा करने पर इलाके में रहने वाले लोगों की आवाजाही भी बाधित हो जाती है।

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