अडानी समूह ने ‘क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ में माइनॉरिटी स्टेक खरीदने का निर्णय लिया है। ‘क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड’ ने मंगलवार (1 मार्च, 2022) को जारी किए गए एक बयान में कहा कि उसने अडानी समूह की सब्सिडियरी कंपनी ‘अडानी मीडिया वेंचर्स’ के साथ एक ‘बाइंडिंग टर्म शीट’ (एक प्रकार के लीगल टेम्पलेट) समझौता किया गया। बता दें कि नए मीडिया समूहों में ‘Quint’ एकमात्र ऐसा है, जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है।
बता दें कि जहाँ ‘अडानी मीडिया वेंचर्स’ का पूरा स्वामित्व अडानी समूह के पास है, वहीं ‘क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी ‘क्विंट डिजिटल’ की इंदिरेक्ट सब्सिडियरी है। ये समझौता केवल डिजिटल बिजनेस न्यूज़ प्लेटफॉर्म के लिए है। ‘The Quint’ के स्वामित्व वाली अन्य डिजिटल मीडिया या टेक्नोलॉजी सम्पत्तियों को इसके अंतर्गत नहीं लाया गया है। ‘अडानी मीडिया वेंचर्स’ के CEO संजय पुगलिया ने कहा कि ‘न्यू-एज’ मीडिया समूहों को अडानी समूह रास्ता दिखाना चाहता है।
Quint Critised Adani day and night only to get sold to him. Smh 🤡😂 https://t.co/1q9SpdWN6t
— Aparna (@AppeFizzz) March 1, 2022
उन्होंने कहा कि वो पहले ही इस टीम के साथ काम कर चुके हैं। साथ ही बताया कि QBM के मेन कंटेंट्स भारतीय अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय फाइनेंस, कॉर्पोरेट लॉ और प्रशासनिक के अलावा कारोबार से जुड़ी ख़बरों पर आधारित होते हैं। ‘ब्लूमबर्ग क्विंट’ प्लेटफॉर्म के जरिए इन ख़बरों को प्रकाशित किया जाता है और इसका ‘ब्लूमबर्ग टेलीविजन प्रोडक्शन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के साथ भी समझौता है। वहीं QBM के CEO अनिल उजियाल ने कहा कि भारतीय ऑडिएंस के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले कंटेंट्स के लिए ये समझौता उपयोगी साबित होगा।
1. Quint will Adanify news 🤣
2. Quint will have to use Adani filter 🤣 https://t.co/cAHsi3GpCv— Videsi Bandhu 🇮🇳 (@VidesiBandhu) March 1, 2022
उधर ब्लूमबर्ग और क्विंट ने भी अपने इक्विटी समझौते को ख़त्म करते हुए एक नए लाइसेंस एग्रीमेंट में घुसने का फैसला लिया है। दोनों ने अपनी साझेदारी को एक नया रूप दिया है। ब्लूमबर्ग ने कहा कि भारत में क्विंट के साथ उसकी साझेदारी जारी रहेगी। उसने कहा कि का प्रीमियम सब्सक्रिप्शन कंटेंट मार्किट लीडर’ बन गया है। पिछले साल भी खबर आई थी कि गौतम अडानी की कंपनी दिल्ली आधारित NDTV जैसे मीडिया संस्थान को खरीद सकती है।
https://twitter.com/indiantweeter/status/1498610062037635074?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1498610062037635074%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fhindi.opindia.com%2Freports%2Fmedia%2Fadani-media-buys-stakes-in-the-quint%2F
लोगों ने इस समझौते के मजे भी लिए। अंकित जैन नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “क्विंट अडानी को बिक गया। अब ये क्विंट वाले एंटी-अंबानी/अडानी टाइप्स कहाँ जाएँगे?” वहीं ‘विदेशी बंधू’ नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, “क्विंट अपनी ख़बरों को अडानीमय बनाएगा। क्विंट को अब ‘अडानी फ़िल्टर’ का प्रयोग करना होगा।” एक अन्य ट्विटर हैंडल ने लिखा, “क्विंट ने दिन-रात अडानी की आलोचना की और अब उसी को बिक गया।”