उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi, Uttar Pradesh) में स्थित विवादित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को लेकर एक सनसनीखेज तथ्य सामने आया है। भाजपा नेता प्रेम शुक्ला (BJP Leader Prem Shukla) ने दावा किया है कि प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने माता श्रृंगार गौरी (Mata Shringar Gauri) में हिंदुओं को पूजा करने से रोका था।
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे और वीडियोग्राफी को लेकर चल रहा विवाद भी माता श्रृंगार गौरी के पूजा-पाठ से ही संबंधित है। याचिकाकर्ता राखी सिंह (Rakhi Singh) सहित पाँच हिन्दू महिलाओं ने अदालत से अनुमति माँगी है कि उन्हें पुराने मंदिर परिसर में प्रतिमाएँ रख कर पूजा की अनुमति दी जाए।
How many of you knew that worship in the temple of Shringar Gauri in #KashiVishwanath wasn't stopped by the Mughals or the British? It was stopped in 1990. Who was the Hindu in power in 1990 in #Delhi and #UttarPradesh? Can knowledgeable people enlighten us? #History
— saket साकेत ಸಾಕೇತ್ 🇮🇳 (@saket71) May 12, 2022
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित माता श्रृंगार गौरी को लेकर एक टीवी डिबेट में प्रेम शुक्ला ने दावा किया, “साल 1996 में महाशिवरात्री के दिन मैंने खुद श्रृंगार गौरी मंदिर में अभिषेक किया था। उस दौरान वहाँ साल के 365 दिन अभिषेक होता था।” शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार ने Worship Act 1991 का उल्लंघन करते हुए उन्होंने मंदिर में नियमित पूजा-पाठ को रोक दी।
मुलायम सिंह यादव पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए शुक्ला ने कहा कि उनकी सरकार ने माता श्रृंगार गौरी में सिर्फ मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण साल 2004 में पूजा रोक दी। उन्होंने कहा कि साल 1992 में बाबरी ढाँचे को गिराए जाने के दौरान भी इस मंदिर में पूजा को नहीं रोका गया।
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे और वीडियोग्राफी के दौरान मुस्लिम पक्ष द्वारा हंगामा करने के बाद वाराणसी की सिविल कोर्ट ने पूरी मस्जिद के क्षेत्र का वीडियोग्राफी और सर्वे कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि अगर इसमें कोई बाधा पहुँचाता है तो जिलाधिकारी उसके खिलाफ FIR दर्ज कराएँ।