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अपने प्रिय दोस्त शिंजो आबे पर हमले से मर्माहत हूं, हमारी प्रार्थनाएं उनके साथः PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मारे जाने की घटना से वह व्यथित हैं. उन्होंने आबे के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे पर हमले की खबर सुनकर व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके, उनके परिजनों और जापान की जनता के साथ है.’ जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे पर देश के पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान शुक्रवार को गोली चलायी गयी. गंभीर रूप से घायल आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन उस समय उनकी सांस नहीं चल रही थी और हृदय गति रुक गयी थी.

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मारे जाने की घटना पर दुख जताया और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हमले की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. आबे भारत-जापान संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के सूत्रधार रहे हैं.’ राहुल गांधी ने कहा, ‘उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.’  स्थानीय दमकल विभाग के अधिकारी मकोतो मोरिमोतो ने बताया कि आबे को गोली लगने के बाद दिल का दौरा पड़ा और उन्हें एक प्रांतीय अस्पताल ले जाया गया.

प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा उत्तरी जापान में यामगाता के अपने चुनाव प्रचार स्थल से एक हेलीकॉप्टर से तोक्यो लौट रहे हैं. किशिदा और आबे एक ही राजनीतिक दल के हैं. मात्सुनो ने बताया कि सभी कैबिनेट मंत्री अपने प्रचार अभियान को रोककर तोक्यो लौट रहे हैं. एक अन्य फुटेज में चुनाव प्रचार अधिकारियों को अपने लोकप्रिय नेता के आसपास इकट्ठा होते देखा जा सकता है. आबे सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में अब भी प्रभावशाली नेता हैं और वह उसके सबसे बड़े धड़े सेइवकाई का नेतृत्व करते हैं.

जापानी संसद के ऊपरी सदन के लिए मतदान रविवार को होना है. आबे भाषण दे रहे थे, जब लोगों ने गोलियों की आवाज सुनी. गोली लगने के बाद वह जमीन पर गिर पड़े और उन्होंने अपने सीने पर हाथ रखा हुआ था, उनकी कमीज पर खून लगा हुआ था. दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में यह हमला हैरान करने वाला है. जापान में बंदूक नियंत्रण के सख्त कानून लागू हैं. आबे ने 2020 में यह कहते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि उनकी एक पुरानी बीमारी फिर से उभर आयी है. उन्होंने उस समय पत्रकारों से कहा था कि अपने कई लक्ष्यों को अधूरा छोड़ना उनके लिए ‘‘परेशान करने वाली बात’’ है. उन्होंने वर्षों पहले उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किए गए जापानी नागरिकों के मुद्दे, रूस के साथ क्षेत्रीय विवाद और जापान के युद्ध त्यागने वाले संविधान के संशोधन के मुद्दों को हल करने में अपनी नाकामी की बात की थी.
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