मुंबई। शिवसेना में विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। शिंदे का समर्थन करने वाली भाजपा भी सरकार में शामिल हो गई है और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने। ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सत्ता गंवाने वाली महाविकास अघाड़ी को अब नई सरकार एक के बाद एक झटका दे रही है। शिंदे-फडणवीस की सरकार ने उद्धव सरकार द्वारा लिए गए एक और फैसले को रद्द कर दिया है।
महाराष्ट्र जल संरक्षण निगम जल संरक्षण विभाग के अधीन कार्य करता है। चल रही परियोजनाओं की लंबित देनदारी 3,490 करोड़ रुपये थी। इसके बावजूद 1 अप्रैल से 31 मई 2022 के बीच 6,191 करोड़ रुपये की 4,324 नई योजनाओं को मंजूरी दी गई। इसमें से 5,020 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत वाले 4,037 कार्य विभिन्न स्तरों पर निविदा के हैं।
नई सरकार ने निविदा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में 5,020.74 करोड़ रुपये के 4,037 कार्यों को रद्द करने का निर्णय लिया है। सरकार ने आदेश में कहा है कि इनमें से किसी भी कार्य के लिए निविदाओं को अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए। जल संरक्षण विभाग के आदेश में कहा गया है कि कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।
इससे पहले नई सरकार ने मेट्रो कार शेड को कांजूर मार्ग की जगह आरे में शिफ्ट करने का फैसला किया था। साथ ही 567.8 करोड़ रुपये की नांदेड़ जिला योजना समिति का कार्य स्थगित कर दिया गया। इसके बाद नई सरकार ने एक और फैसला पलट दिया है, जिसे महाविकास के मोर्चे पर झटका माना जा रहा है।
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