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मिक्स कोरोना डोज ज्यादा इफेक्टिव या देगी साइड-इफेक्ट? क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

चीन और दुनिया के कई हिस्सों में ओमिक्रॉन BF.7 के बढ़ते मामलों के बीच आने वाले महीनों में भारत में भी कोरोना की नई लहर को लेकर चिंता है। ओमिक्रॉन का BF.7 वैरिएंट पहली बार जुलाई महीने में भारत में पाया गया था और अब तक गुजरात और ओडिशा में सिर्फ 4 मामलों का पता चला है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें अभी तक पैनिक होने की जरूरत नहीं है। बूस्टर डोज से आने वाले संकट को दूर किया जा सकता है। लेकिन, अब यह सवाल चर्चा में है कि क्या मिक्स वैक्सीन इस नए वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा कारगर होगी या मुश्किल बढ़ाएगी? क्या इसके साइड इफेक्ट होंगे? विशेषज्ञों ने इस पर भी विस्तार से बताया है…

एक नए अध्ययन के अनुसार, जिन्हें पहले से ही कोविशील्ड का टीका लगाया जा चुका है, अगर उनमें कॉर्बेवैक्स का बूस्टर डोज लगाया जाता है तो यह ओमिक्रॉन के BF.7 वैरिएंट के खिलाफ अधिकतम सुरक्षा प्रदान कर सकता है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को कॉर्बेवैक्स दिया गया उनमें एंटीबॉडी का उच्च स्तर दिखा।

अनजाने में लोगों द्वारा दो अलग-अलग खुराक में अलग-अलग टीके लेने की घटनाओं के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अध्ययन में पाया गया कि टीकों के मिश्रण और मिलान का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। हालांकि, इस बात को लेकर लोगों और विशेषज्ञों के बीच चिंता बरकरार है।

गुरुग्राम के आर्टेमिस अस्पताल में सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शिवांशु राज गोयल के अनुसार, “कोविड डोज की मिक्सिंग करने की प्रक्रिया को हम हेटेरोलॉगस बूस्टिंग कहते हैं। इस महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में यह एक रणनीति है। शोध के अनुसार यह पाया गया है कि प्रतिरक्षा को कम करना हमें वायरस से सुरक्षा प्रदान करने में एक चिंता का विषय है। डोज का मिक्सिंग करना टीके (कोविशील्ड) के बाद एमआरएनए आधारित (फाइजर) के परिणामस्वरूप बेहतर प्रतिरक्षा सुरक्षा हो सकती है। एमआरएनए आधारित टीके एक अच्छी एंटीबॉडी उत्पन्न करते हैं और वेक्टर-आधारित टीके एक अच्छी टी सेल प्रतिक्रिया प्रदान करते हैं। इसलिए, दोनों का संयोजन एक आशाजनक सुरक्षा प्रदान करता है।”

क्या साइड इफेक्ट होगा?
नोएडा में फोर्टिस अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक पल्मोनोलॉजी डॉ. राहुल शर्मा के मुताबिक, “बड़े पैमाने पर कोविड टीकाकरण ने पूरे भारत में कोविड लहरों की गंभीरता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए वैज्ञानिक स्वीकृति के बाद विश्व स्तर पर विभिन्न कोविड टीकों का उपयोग किया गया है। नए वैरिएंट की हालिया खबरों के साथ, बूस्टर खुराक आपको बचाने के लिए है। गंभीर कोविड संक्रमणों के खिलाफ आपको सुरक्षा भी देगी। कभी-कभी एक ही तरह के टीके की उपलब्धता या कमी एक समस्या होती है। हालांकि, टीकों को मिक्स करने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है बल्कि यह प्रतिरक्षा को बढ़ावा दे सकता है और आक्रामक वायरस की पहचान करने के लिए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कई तरीके से प्रदान करता है और तेजी से कार्य करता है।”

कोविड वैक्सीन बूस्टर रणनीतिक समय की मांग है, खासकर वैक्सीन को मिक्स करना। गुरुग्राम के फोर्टीस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में संक्रामक रोग कंसल्टेंट डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा कहती हैं कि टीकों को मिक्स करने से रोगों की पहचान और प्रतिरक्षा के मामले में बेहतर इम्युनोजेनिक प्रतिक्रिया वाला लाभ देता है।

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