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रूस ने यूक्रेन युद्ध में उतार दिया अपना सबसे महाबलि जेट? दावा- तबाही मचा रहा है सुखोई-57, भारत से है नाता

कीव। रूस की सेना ने यूक्रेन की जंग में अपने सबसे खतरनाक हवाई योद्धा को जंग के मैदान में उतार दिया है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने खुफिया सूत्रों के हवाले से खुलासा किया है कि रूस अब सुखोई-57 फाइटर जेट के जरिए यूक्रेन में हमले कर रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है जब यह दावा किया गया है कि रूस अब सुखोई-57 फाइटर जेट के जरिए हमला कर रहा है। सुखोई-57 रूस का सबसे खतरनाक फाइटर जेट है जो पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट माना जाता है।

ब्रिटेन ने बताया कि सुखोई-57 का इस्‍तेमाल कम से कम जून 2022 से किया जा रहा है और अब अनाम रक्षा सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। रक्षा मंत्रालय ने अपने आकलन में कहा कि रूस के ये सुखोई-57 फाइटर जेट अभी रूस के हवाई क्षेत्र में उड़ रहे हैं और वहीं रूस से यूक्रेन पर मिसाइलों की बारिश कर रहे हैं।’ उसने कहा कि यही वजह है कि इन रूसी विमानों के उड़ान की पुष्टि अभी स्‍वतंत्र रूप से नहीं हो पाई है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने व्‍यवसायिक रूप से मौजूद सैटलाइट इमेज को भी जारी किया है जिसमें ये विमान रूस के अखतूबिंस्‍क एयरबेस पर तैनात दिखाई दे रहे हैं।

रूस को सता रहा है बड़ा डर

वॉर जोन की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने भले ही सुखोई-57 को अखतूबिंस्‍क एयरबेस पर तैनात किया हो लेकिन इससे यह साबित नहीं होता है कि यह रूसी विमान यूक्रेन की जंग में इस्‍तेमाल किया गया है। रूस का यह अखतूबिंस्‍क एयरबेस कई तरह के रूसी हथियारों का ठिकाना है लेकिन यह एकमात्र ऐसा एयरबेस नहीं है जहां सुखोई-57 विमानों को तैनात किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक रूस जानबूझकर यूक्रेन की सीमा के अंदर अपने इस सबसे घातक फाइटर जेट को नहीं उतार रहा है।

रूस को यह डर सता रहा है कि पश्चिमी देश उसके इस पांचवीं पीढ़ी के पहले फाइटर जेट के सीक्रेट को जान जाएंगे। रूस ने अमेरिका के एफ-35 फाइटर जेट को मात देने के लिए इस सुखोई-57 का निर्माण किया है। यह फाइटर जेट रेडार की पकड़ में नहीं आता है और परमाणु बम भी गिराने की ताकत रखता है। यही नहीं इसे किसी मिसाइल हमले में मार गिराना आसान नहीं होता है। रूस ने इस विमान के निर्माण के दौरान अपने दोस्‍त भारत को भी ऑफर दिया था लेकिन भारत ने इसकी तकनीक पर भरोसा नहीं जताया और पूरी डील से पीछे हट गया था। रूस अब इसे तुर्की समेत कई अन्‍य देशों को ऑफर देना चाहता है।

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