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‘नहीं ली गई हमारी राय’, बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी पर साक्षी मलिक

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए गठित निगरानी समिति पर पहलवान साक्षी मलिक ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करके कहा कि कमेटी के गठन से पहले उनकी राय नहीं जानी गई। मलिक ने कहा, ‘हमें आश्वासन दिया गया था कि निगरानी समिति के गठन से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा। बड़े दुख की बात है कि इस कमेटी के गठन से पहले हमसे राय भी नहीं ली गई।’ बृजभूषण पर लगे यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम गठित की है।

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को बताया कि मैरी कॉम 5 सदस्यीय निगरानी समिति का नेतृत्व करेंगी, जो डब्लूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि यह समिति अगले एक महीने के लिए डब्लूएफआई के दिन-प्रतिदिन के मामलों को भी देखेगी, जबकि बृजभूषण सिंह अध्यक्ष पद से दूर बनाएं रहेंगे।

खेल मंत्रालय ने बाद में बयान जारी कर कहा कि मंत्रालय ने प्रमुख खिलाड़ियों की ओर से लगाए गए यौन दुराचार, उत्पीड़न, वित्तिय अनियमितताओं और प्रशासनिक चूक के आरोपों की जांच के लिए निरीक्षण समिति का गठन किया है। निरीक्षण समिति जांच के दौरान डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन को भी संभालेगी। ओवरसाइट कमेटी की अध्यक्षता खेल रत्न अवार्डी एमसी मैरी कॉम करेंगी। कमेटी में खेल रत्न अवार्डी योगेश्वर दत्त, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की कार्यकारी परिषद के ध्यानचंद अवार्डी तृप्ति मुर्गुंडे, सदस्य मिशन ओलंपिक सेल राधिका श्रीमन शामिल हैं। निगरानी समिति 4 सप्ताह के भीतर जांच पूरी करेगी।

3 दिन तक धरने पर थे पहलवान
इसके अलावा, मंत्रालय ने WFI की कार्यकारी समिति को तत्काल प्रभाव से संघ की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के प्रबंधन से दूर रहने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया समेत देश के कुछ शीर्ष पहलवानों के डब्ल्यूएफआई और बृजभूषण सिंह के खिलाफ तीन दिवसीय धरना दिया था। इस दौरान खेल मंत्री ठाकुर से बातचीत के बाद शनिवार को ठाकुर ने समिति बनाने का फैसला किया था।

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