ब्रिटेन के लोगों के पैसे से चलने वाला प्रोपेगेंडा मीडिया संस्थान बीबीसी एक बार फिर विवादों में है। बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हाल ही में एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। मीडिया कंपनी ने गुजरात दंगों का सारा दोष प्रधानमंत्री मोदी पर मढ़ने की कोशिश की थी। यह विवाद अभी थमा भी नहीं था कि बीबीसी ने मंगलवार (7 फरवरी, 2023) की रात अपनी इच्छा से आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) में शामिल होने वाली शमीमा बेगम (Shamima Begum) की डॉक्यूमेंट्री प्रसारित कर दी।
बीबीसी ने अपने एजेंडे के तहत इस आतंकवादी महिला को किसी सेलिब्रिटी की तरह दिखाने की कोशिश की है, मानो आईएसआईएस में शामिल होकर उसने कोई महान काम किया था। बीबीसी की इस हरकत को लोगों ने बिल्कुल भी पसंद नहीं किया है और इसे देखने वाले कई लोग अब दोबारा बीबीसी का लाइसेंस नहीं लेने की बात कह रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में टीवी पर बीबीसी के कार्यक्रम को देखने के लिए सालाना कुछ निश्चित राशि का भुगतान करना होता है।
एक यूजर ने शो प्रसारित होने से पहले ट्वीट कर कहा, “शमीमा बेगम की कहानी बीबीसी पर रात 9 बजे… मैं उस गंदगी के ढेर को नहीं देख पाऊँगी। जब वह वहाँ गई तो उसे पता था कि वह क्या कर रही है। चकित हूँ कि बीबीसी इसे एयरटाइम दे रहा है।”
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एक और यूजर ने कहा, “बीबीसी ने शमीमा बेगम को ‘कमजोर युवा लड़की’ के रूप में दिखाया है। एक म्यूजिक ट्रैक, मूडी शॉट्स, कैमरे के लिए आँसू को खूबसूरती से गिरते दिखाया गया है। इससे बेहतर होता उन्हें उसके आईएसआईएस साथियों द्वारा मारे गए और प्रताड़ित लोगों के परिवारों में से कुछ को दिखाना चाहिए था?”
The @BBC presenting Shamima Begum as a "vunerable young girl". All beautifully staged, with ominious music back track, moody shots, tearful pieces to camera etc. Maybe they should involve some of the families of the people beheaded and tortured by her ISIS mates?#DefundTheBBC
— Jimmy Krankz👍 (@Norther98293017) February 7, 2023
वहीं शमीमा बेगम ने BBC को बताया, “मैं ISIS के साथ प्यार में थी और इसमें शामिल होने के लिए बेताब थी। मैंने गैटविक से इस्तांबुल के लिए उड़ान भरी, जहाँ एक ISIS हैंडलर बस के साथ मेरा इंतजार कर रहा था। जब मैं देश से भागी थी, तो मुझे आतंकवादी समूह से जुड़े ‘अत्याचारों’ के बारे में नहीं पता था।”
उसने कहा कि आईएसआईएस के भयानक वीडियो देखने के बाद भी उसने अपना विचार नहीं बदला था। उसने कहा कि वह ब्रिटेन लौटना चाहती है और अपनी ब्रिटिश नागरिकता छीनने के फैसले के खिलाफ अपील की है। बेगम ने कहा, “मैं उत्तरी सीरिया में एक शरणार्थी शिविर में रह रही हूँ। यह ‘जेल से भी बदतर’ है। मैं अंदर ही अंदर खुद से नफरत करती हूँ… कम से कम जेल की सजा के बारे में आप जानते हैं कि इसका अंत होने वाला है।’ लेकिन यहाँ, आप नहीं जानते कि इसका अंत होने वाला है या नहीं।”