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डाल से खुद टूटकर गिरा फल… उपेंद्र कुशवाहा भाजपा के लिए होंगे कितने कारगर, चुप बैठने से मिला फायदा

नई दिल्ली। उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू छोड़कर नई पार्टी बनाने से किसे कितना नुकसान हुआ है, यह कयास लगाए जा सकते हैं। लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भाजपा को इससे फायदा होगा। नीतीश कुमार के अलग होने के बाद से ही भाजपा थोड़ा संयम बरत रही थी। नीतीश कुमार की ओर से धोखा देने के बाद भी वह तीखे हमले तेजस्वी और आरजेडी पर ही कर रही थी। नीतीश कुमार को वह भले निशाना बना रही थी, लेकिन नरमी बरती जा रही थी। इसकी वजह एक तरफ उनकी छवि थी तो दूसरी तरफ भाजपा को भी यह जवाब देना पड़ता कि यदि वह इतने बुरे थे तो आप साथ क्यों रहे।

उन्होंने कहा कि उसी आरजेडी के खिलाफ समता पार्टी नीतीश कुमार ने बनाई थी और आज वे उसी के तेजस्वी यादव को सत्ता सौंपने की बात कर रहे हैं। इस तरह उपेंद्र कुशवाहा ने एकता की कोशिशों पर सवालिया निशान लगा दिया है। उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश के उस बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2025 में नेतृत्व तेजस्वी यादव के हाथ में होगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की आज हालत यह हो गई है कि उन्हें उत्तराधिकारी भी पड़ोसी के घर में देखना पड़ रहा है। कुशवाहा के इस बयान का असर हुआ है और जेडीयू तेजस्वी को किए वादे से पलटती दिख रही है।

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