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‘शहजादा अब नवाब बनना चाहता है’: राहुल गाँधी को BJP ने बताया मीरजाफर, कहा- लंदन में जो किया वह साजिश, माफी माँगनी ही पड़ेगी

नई दिल्ली। बीजेपी ने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को ‘आज का मीरजाफर’ बताया है। कहा है कि जैसे मीरजाफर ने ईस्ट इंडिया कंपनी से मदद ली थी, उसी तरह से मदद लेकर शहजादे राहुल गाँधी नवाब बनना चाहते हैं। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि कॉन्ग्रेस नेता ने ब्रिटेन में जो कुछ भी कहा वह साजिश है और उन्हें इसके लिए माफी माँगनी ही पड़ेगी।

दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में मंगलवार (21 मार्च 2023) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गाँधी ने लंदन में जाकर जो किया है, वह सिर्फ एक विषय नहीं है बल्कि एक साजिश है। ऐसा पहली बार नहीं है कि राहुल गाँधी ने विदेश जाकर भारत के विरोध में बोला है। इसलिए अब ऐसा नहीं होगा कि वह बिना माफी माँगे निकल जाएँ। उन्हें माफी माँगनी ही पड़ेगी। भाजपा माफी मँगवा कर रहेगी। राफेल केस में भी उन्हें कान पकड़कर माफी माँगनी पड़ी थी। अब उन्हें संसद के पटल पर भी माफी माँगनी पड़ेगी।

संबित पात्रा ने कहा, “मीर जाफर ने नवाब बनने के लिए जो किया था, वहीं राहुल गाँधी ने लंदन में किया है। मीर जाफर नवाब बनना चाहता था, इसलिए उसने ईस्ट इंडिया कंपनी से मदद माँगी थी। इसके बाद देश में अंग्रेजों का शासन शुरू हो गया था। वर्तमान समय में राहुल गाँधी भारतीय राजनीति के मीर जाफर हैं। शहजादा नवाब बनना चाहता है। इसलिए उसने नवाब बनने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी की मदद माँगी है। तुम मुझे नवाब बनाओ और मैं तुम्हें भारत का एक टुकड़ा भेंट करूँगा।”

उन्होंने कहा, “राहुल गाँधी आज के मीर जाफर हैं और मीर जाफर को माफी माँगनी ही पड़ेगी। इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है। शहजादे ये नहीं चलेगा। शहजादा नवाब बनना चाहता है। इसके लिए विदेशी ताकतों से मदद माँग रहा है। कॉन्ग्रेस में आज लोकतंत्र शेष नहीं है। कॉन्ग्रेस पार्टी हिंदुस्तान की जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से शहजादे को नवाब नहीं बना सकती। इसलिए दूसरे देशों में जाकर शहजादे गुजारिश करते हैं कि मुझे नवाब बनना है तुम मेरी मदद करो।”

संसद में माइक बंद करने वाले बयान पर राहुल गाँधी को आड़े हाथों लेते हुए संबित पात्रा ने कहा है, “आपने कहा कि हमारा माइक ऑफ कर दिया जाता है। राहुल गाँधी संसद में 52 फीसदी हाजिरी ही रखते हैं। राष्ट्रीय औसत 80 फीसदी है। दरअसल राहुल गाँधी की अटेंडेंस ही ऑफ है। माइक तो ऑन है। यदि लोकतंत्र में डिबेट नहीं होगी तो फिर क्या अर्थ है। राहुल गाँधी ने अब तक मात्र 6 डिबेट में ही हिस्सा लिया है। यह आँकड़ा 2019 से लेकर अब तक का है। वह विदेश की जमीन में सवाल पूछते हैं। आपके पास सवाल नहीं हैं, इसलिए संसद में नहीं पूछते हैं।”

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