लखनऊ। यूपी सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह का तलाक हो गया। लखनऊ के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेन्द्र नाथ सिंह ने तलाक की अर्जी पर ये फैसला सुनाया है। दरअसल, मंत्री दयाशंकर और पत्नी स्वाति में काफी दिनों से अनबन चल रही थी। स्वाति सिंह ने साल 2012 में भी तलाक की अर्जी दाखिल की थी। 18 मई 2001 को हुई शादी आज टूट गई।
आपको बता दें कि यूपी चुनाव से ठीक पहले स्वाति सिंह का एक ऑडियो वायरल होने के बाद पति-पत्नी का विवाद चर्चाओं में आ गया था। इसी के बाद भाजपा ने स्वाति सिंह का टिकट काट दिया और दयाशंकर सिंह को बलिया नगर से मैदान में उतारा। दयाशंकर सिंह चुनाव जीतकर विधायक भी बन गए हैं। इसके मंत्री बन गए । इस बीच स्वाति सिंह फिर से फैमिली कोर्ट पहुंच गई। इससे पहले स्वाति सिंह ने 2012 में दयाशंकर से तलाक लेने की अर्जी कोर्ट में दी थी। लेकिन मंत्री बनने के बाद केस की पैरवी बंद कर दी। 2018 में फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के कोर्ट नहीं पहुंचने पर केस ही बंद कर दिया था। इसके बाद स्वाति सिंह दोबारा केस खोलने के लिए फैमिली कोर्ट पहुंचीं। उनकी अर्जी पर एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट ने आर्डर रिजर्व कर लिया।
फिर विवाद का क्या बना कारण
भाजपा ने इस बार स्वाति सिंह के बदले पति दयाशंकर को मैदान में उतारा था। दयाशंकर सिंह चुनाव में बलिया से जीते हैं और मंत्री बनने की रेस में हैं। पहले दयाशंकर सिंह और स्वाति लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से चुनाव लड़ने का टिकट मांग रहे थे। एक ही सीट पर पति-पत्नी के दावे पर पार्टी ने स्वाति का टिकट काटकर सरोजनीनगर से राजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जबकि दयाशंकर को बलिया सदर सीट से मैदान में उतारा गया था।
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