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‘रामचरितमानस को मस्जिद में लिखा गया था’: RJD विधायक रीतलाल यादव का विवादित बयान, BJP बोली- लालू के चरवाहे स्कूल में पढ़े थे

लालू यादव (Lalu Yadav) की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायकों का दिमागी संतुलन हिला हुआ है। एक बार फिर एक राजद विधायक ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है। माफिया से नेता बने दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव ने कहा कि रामचरितमानस मस्जिद में लिखी गई थी।

रीतलाल यादव के बयान से बिहार में राजद की सहयोगी सत्ताधारी पार्टी जदयू (JDU) ने खुद को अलग कर लिया है। वहीं, भाजपा (BJP) ने यादव के बयान को लेकर उन पर हमला बोला और कहा कि वे लालू यादव के चरवाहा स्कूल के प्रोडक्ट हैं।

यादव के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वे हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय (RSS) पर निशाना साध रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने यह बयान दिया। इसको लेकर सोशल मीडिया पर उनकी कड़ी आलोचना हो रही है।

रीतलाल यादव कहते हैं, “हिंदुत्व राज…. एक-दूसरे को लड़ाने के फेर में आप पड़े हुए हैं। एक समय आया था…. राम मंदिर, राम मंदिर की लोग चर्चा करता है। रामचरितमानस जब लिखा गया था तो एक मस्जिद में लिखा गया था। इतिहास उठाके देखिएगा। उस वक्त हमारा हिंदुत्व खतरे में नहीं था? मुगलकाल में हिंदू खतरे में नहीं था?”

रामचरितमानस पर रीतलाल यादव की टिप्पणी पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि लोग कुछ भी अनर्गल बयान दे देते हैं। ऐसे बयानों से बचना चाहिए। इससे जनता में गलत संदेश जाता है। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म में आस्था रख सकता है। यह लोगों का निजी मामला होता है, लेकिन धर्म के नाम पर तनाव पैदा करने वाला इस तरह का एजेंडा भाजपा का रहता है।

उधर, भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने यादव के इस बयान पर पलटवार किया है। पटेल ने कहा कि दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म है। इसकी संस्कृति को पूरी दुनिया के लोगों ने अपनाया है। उस धर्म के खिलाफ बोलना अज्ञानता का परिचायक है। जो लोग रामचरितमानस पर बयानबाजी कर रहे हैं, उनको ज्ञान की आवश्यकता है।

भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जब से लालू यादव की पाठशाला में ऐडमिशन लिया है, तब से नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि रामचरितमानस और रामायण कहाँ लिखा गया। जो लोग इस तरह बोल रहे हैं, वे लालू यादव के चरवाहा विद्यालय से पढ़े हैं और उनके हेड मास्टर तेजस्वी यादव रहे होंगे।

बता दें कि राजद नेताओं पर रामचरितमानस पर इस तरह टिप्पणी पहली टिप्पणी नहीं है। इसके पहले बिहार के शिक्षामंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर यादव ने रामचरितमानस को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। जनवरी 2023 को नालंदा में बोलते हुए चंद्रशेखऱ ने इसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था।

उनके इस बयान के बाद में जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने इस बात को दोहराया। चंद्रशेखर ने कहा था कि किसी जमाने में मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया था, उसके बाद रामचरितमानस ने समाज में नफरत पैदा की। बाद में उन्होंने फिर कहा था कि रामचरितमानस में कूड़ा-कचरा भरा हुआ है।

चंद्रशेखर के बयान के बाद उत्तर प्रदेश में भी राजनीति के तहत रामचरितमानस को लेकर भड़काऊ बयान दिए जाने लगे। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दुओं के इस ग्रंथ को बकवास किताब बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की माँग कर डाली। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस के हिसाब से ब्राह्मण कितना गलत करे वो सही और शूद्र कितना भी सही करे वो गलत होता है। अगर यही धर्म है तो इसका सत्यानाश हो।

इसके बाद यूपी के सिराथू सीट से सपा विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि रामचरितमानस कोई ग्रंथ नहीं है और ना ही तुलसीदास कोई संत नहीं है। इसके बाद सपा के ही विधायक लालजी पटेल ने तो रामचरितमानस को जलाने तक का आह्वान कर दिया।

लालजी पटेल ने कहा था, “रामचरितमानस कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है। यह एक ऐसी किताब है, जिससे समाज में भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। यह पिछड़ी जाति और दलितों का अपमान करती है। इसे जलाया जाना चाहिए।” इसके कुछ ही समय के बाद सपा से जुड़े कुछ लोगों ने रामचरितमानस को फाड़कर जला दिया था।

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