नई दिल्ली। कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें उसने भाजपा सांसद के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट हटाने की अनुमति मांगी थी। इससे उन्हें राहत मिलती दिख रही है। अब इस मसले पर आंदोलन करने वालीं पहलवान साक्षी मलिक का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा कि यदि बृजभूषण सिंह को नाबालिग के पहले बयान के बाद ही अरेस्ट कर लिया जाता तो हालात कुछ और होते। साक्षी मलिक ने कहा कि नाबालिग के परिवार पर दबाव था, जिसके बाद उन्होंने शिकायत को वापस ले लिया।
हालांकि नाबालिग के अलावा अन्य महिला पहलवानों के आरोपों को लेकर दिल्ली पुलिस ने कुछ सबूत मिलने की बात कही है। पुलिस ने पीछा करने और शील भंग के आरोपों में सेक्शन 354 और 354डी समेत कई धाराओं में आरोप लगाए हैं। अब इस मामले में साक्षी मलिक ने कहा कि हमारी लीगल टीम के पास जब चार्जशीट आ जाएगी तो फिर आगे का फैसला लिया जाएगा। साक्षी मलिक ने कहा कि नाबालिग की ओर से जो आरोप वापस लिए गए हैं, उसकी वजह दबाव है। उनके पूरे परिवार पर दबाव था और वह टूट चुके हैं। इस मामले में यदि नाबालिग के पहले बयान के बाद ही ऐक्शन हो जाता और बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी होती तो हालात कुछ और होते।
साक्षी मलिक ने कहा कि हमारी तो पहले से ही मांग थी कि बृजभूषण शरण सिंह और उनके परिवार का कोई भी मेंबर कुश्ती महासंघ के चुनाव में ना रहे। सरकार से कुछ और मांगें हमारी रहीं हैं। हम देखेंगे कि उन पर क्या फैसला होता है। उसके बाद आगे का प्लान बनाया जाएगा। बता दें कि मई के आखिरी सप्ताह में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उनकी खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी मुलाकात हुई थी। तब कहा गया था कि सरकार ने 15 जून तक का वक्त कार्रवाई के लिए मांगा है। इसके अलावा बृजभूषण, उनके परिवार और रिश्तेदारों को कुश्ती महासंघ के चुनावों से दूर रखने की बात कही है।
अब 15 जून की डेडलाइन खत्म हो चुकी है। पहलवानों और किसान नेताओं ने कहा था कि यदि मांगों पर फैसला नहीं हुआ तो फिर 17 जून से दोबारा आंदोलन शुरू होगा। ऐसे में यह देखना होगा कि पहलवानों का आगे क्या रुख होता है। गौरतलब है कि आंदोलन का चेहरा रहे तीनों ही पहलवान फिलहाल रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौट चुके हैं। साक्षी मलिक ने कहा था कि नौकरी हमारी जिम्मेदारी है और आंदोलन सत्याग्रह है। हम दोनों से ही पीछे नहीं हटेंगे।
साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।