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13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी विपक्षी दलों की अगली बैठक, कौन-कौन होगा साथ?

13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी विपक्षी दलों की अगली बैठक, कौन-कौन होगा साथ?मुंबई। अगले साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होने में जुटा विपक्ष अगली बैठक कांग्रेस शासित कर्नाटक में करेगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को बताया कि विपक्षी दलों के नेताओं की अगली बैठक 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 23 जून बुलाई गई बैठक में भाजपा विरोधी करीब 14 दलों ने हिस्सा लिया था। राकांपा प्रमुख ने 23 जून की बैठक का जिक्र करते हुए कहा, “पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद पीएम मोदी बेचैन हो गए हैं।” शरद पवार के 2019 में बीजेपी-एनसीपी सरकार में शामिल होने के फड़णवीस के दावों पर कहा, “पूरा प्रकरण उन्हें (राज्य भाजपा नेताओं को) बेनकाब करने के लिए था कि वे सत्ता के लिए कितने बेचैन हैं।” यह पूछे जाने पर कि क्या यह राजनीतिक खेल था, पवार ने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह राजनीतिक खेल था या नहीं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि मेरे ससुर सादु शिंदे बहुत अच्छे गुगली गेंदबाज थे और मैं आईसीसी का अध्यक्ष रह चुका हूं। इसलिए मुझे पता है कि गुगली बॉल कैसे फेंकनी है।”

भाजपा के खिलाफ संयुक्त रणनीति बना रहा विपक्ष

विपक्षी दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले संयुक्त रणनीति तैयार करने पर चर्चा कर रहे हैं। 14 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को पटना में आयोजित बैठक में केंद्र में भाजपा को हराने के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया था। बैठक के बाद कहा गया था कि संयुक्त रणनीति बनाने के लिए अगले महीने (जुलाई में) शिमला में बैठक करेंगे। हालांकि अब पवार ने कहा है कि ये बैठक बेंगलुरू में होगी।

कौन-कौन होगा साथ?

पिछली बैठक में विपक्षी दलों के बीच खुलकर मतभेद सामने आ गए थे। इसलिए इस बार की बैठक में कौन-कौन दल शामिल होगा, इस पर कयासबाजी जारी है। भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने पर सहमत होने के कुछ दिन बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में राज्यस्तरीय राजनीतिक समीकरण को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे। वाम दल शासित केरल एक और राज्य है जहां राजनीतिक समीकरण विपक्षी एकता बनाने के प्रयासों की परीक्षा लेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा था पार्टी की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुधाकरन से मुलाकात की और कहा कि कांग्रेस प्रतिशोध की राजनीति से नहीं डरती। केरल कांग्रेस प्रदेश कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष सुधाकरन को राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने शुक्रवार को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था।

आप ने भी दिखाए तेवर

इसके अलावा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव से पहले हो रही हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की संलिप्तता है। विपक्षी एकता के प्रयासों की डगर कठिन होने का संकेत देते हुए दिल्ली अध्यादेश मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच तकरार तब और बढ़ गई जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि विपक्ष की एकता पर उनका बयान इसे नुकसान पहुंचाने और भाजपा के साथ राजनीतिक सौदेबाज़ी के लिए सोच-समझकर उठाया गया कदम है।

अभी कितना मजबूत है विपक्ष

पिछली बैठक में 14 दलों ने हिस्सा लिया था। 543 सदस्यीय लोकसभा में, इन दलों की संयुक्त ताकत 200 से भी कम है। लेकिन उनके नेताओं को उम्मीद है कि वे मिलकर भाजपा को अगले लोकसभा चुनाव में 100 सीटों से कम पर समेट देंगे। फिलहाल लोकसभा में भाजपा की सीटों की संख्या 300 से अधिक है। भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने पिछले संसदीय चुनाव में 50 से कुछ अधिक सीटें जीती थीं। 2014 में उसने केवल 44 सीटें जीती थीं, जो उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में अपनी सफलताओं और राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा” को मिली जोरदार प्रतिक्रिया से उत्साहित कांग्रेस को 2024 के आम चुनाव में मजबूत वापसी की उम्मीद है।

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