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अमेरिका, ब्रिटेन को भी पता है, NDA फिर आने वाला है; PM मोदी ने सेट किया 2024 का एजेंडा

अमेरिका, ब्रिटेन को भी पता है, NDA फिर आने वाला है; PM मोदी ने सेट किया 2024 का एजेंडानई दिल्ली। अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की एक बैठक दिल्ली स्थित एक पांच सितारा होटल में हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता के जारी प्रयासों के बीच NDA यह बैठक हुई। बैठक की समाप्ति के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDA दलों को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि इस बार का चुनाव विकास और विश्वास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। उन्होंने 2024 के लिए एजेंडा सेट करते हुए कहा कि दुनिया के तमाम देशों को भी पता है कि NDA फिर से सत्ता में आने वाला है इसलिए वे भारत के साथ दूरगामी समझौते कर रहे हैं।

अपने आधे घंटे से ज्यादा लंबे संबोधन में पीएम मोदी ने विदेशों में भारत को मिल रहे सम्मान का भी जिक्र किया। उन्होंने साफ कर दिया कि आगामी चुनावों में भाजपा इस मुद्दे को जरूर जनता के सामने लेकर जाएगा। पीएम मोदी ने कहा, “देश का मन आप जानते हैं, लेकिन विदेश का मन भी बहुत कुछ संकेत दे रहा है। आमतौर पर जब भी किसी देश में चुनाव का समय निकट आता है, तो उसका बहुत बड़ा असर उसके वैश्विक संबंधों पर भी होता है। हर एक (देश) को लगता है कि अभी चुनाव का वर्ष है (इसलिए) इस सरकार को रहने दो.. एक बार चुनाव हो जाने दो नई सरकार आएगी तब सोचेंगे। स्वाभाविक है। कोई भी दूसरा देश उस सरकार के साथ जहां चुनाव निकट हों, उससे संबंध बनाने से पहले सौ बार सोचता है। विदेशी देश हमेशा चुनाव के नतीजों का इंतजार करते हैं। आखिरा साल जब होता है तो सोचते हैं कि एक बार चुनाव का नतीजा आ जाने दो फिर सोचेंगे। जो सरकार जाने वाली होती है उस पर कोई भी देश अपना टाइम और एनर्जी इन्वेस्ट नहीं करना चाहता है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्कुराते हुए आगे कहा, “लेकिन इस समय, भारत का मामला कुछ अलग है। सब को पता है कि हमारे यहां कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं फिर भी अनेकों महत्वपूर्ण देश, चाहे अमेरिका हो, फ्रांस हो, ऑस्ट्रेलिया हो, जापान हो, यूएई हो, यूके हो… सब एनडीए सरकार के प्रतिनिधियों को इनवाइट कर रहे हैं। तमाम देश भारत को मान और सम्मान दे रहे हैं। इतने ही देश, भारत के साथ बड़े-बड़े और वो भी दूरगामी समझौते कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वो भी जानते हैं कि भारत के लोगों का भरोसा एनडीए पर है। यानी भारत में जनमत किसके साथ है ये दुनिया के देशों को भी पता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “भारत में गठबंधन की एक लंबी परंपरा रही है, लेकिन नकारात्मकता के साथ बने गठबंधन कभी सफल नहीं हुए हैं।”। उन्होंने कहा, ”एनडीए में कोई भी पार्टी छोटी या बड़ी नहीं है, 2014 और 2019 में बीजेपी को बहुमत मिला लेकिन एनडीए ने सरकार बनाई।” मोदी ने गठबंधन को अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की विरासत बताया और एनडीए को आकार देने में योगदान के लिए प्रकाश सिंह बादल, बालासाहेब ठाकरे, अजीत सिंह और शरद यादव जैसे नेताओं को धन्यवाद दिया।

मुलायम से लेकर शरद पवार तक का जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के दलों को संबोधित करते हुए कहा, “राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो सकती है लेकिन शत्रुता नहीं होती लेकिन आज विपक्ष ने अपनी एक ही पहचान बना ली है, हमें गाली देना,  हमें नीचा दिखाना। बावजूद इसके हमने देश को दलों के हित से उपर रखा है। यह NDA सरकार ही है जिसने प्रनब मुखर्जी को भारत रत्न दिया, हमने मुलायम सिंह यादव, शरद पवार, गुलाम नबी आज़ाद जैसे अनेक नेताओं को पद्म सम्मान दिया।” PM मोदी ने कहा, “जनता देख रही है कि ये पार्टियां क्यों इकट्ठा हो रही हैं? जनता ये भी जान रही है कि ऐसा कौन सा गोंद है जो इन पार्टियों को जोड़ रहा है। किस तरह छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए मूल्यों और सिद्धांतों से समझोता किया जा रहा है।”

भाजपा ने दावा किया कि इस बैठक में 38 दलों के नेता शामिल हुए। भाजपा की तरफ से बैठक में मोदी और जे पी नड्डा के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी सहित अन्य नेता शामिल हुए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में भाजपा के अलावा, शिवसेना (शिंदे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति कुमार पारस), अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक), अपना दल (सोनेलाल), नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, मिज़ो नेशनल फ्रंट, इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा, नगा पीपुल्स फ्रंट और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता शामिल हुए।

इनके अलावा, असम गण परिषद, पट्टली मक्कल काची (अंबुमणि रामदास), तमिल मनीला कांग्रेस, असम की यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त), राष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, हरियाणा की जननायक जनता पार्टी, प्रहार जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, महाराष्ट्र की जन सुराज्य शक्ति पार्टी, मणिपुर की कुकी पीपुल्स अलायंस, मेघालय की यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी और हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, निषाद पार्टी, पुडुचेरी की ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर), जन सेना पार्टी, हरियाणा लोकहित पार्टी, भारत धर्म जन सेना, केरल कामराज कांग्रेस, पुठिया तमिलागम पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट के नेता भी बेठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री के बैठक स्थल पहुंचने पर भाजपा अध्यक्ष नड्डा, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के जीतन राम मांझी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के ई पलानीस्वामी सहित कुछ अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। बैठक में भाग लेने पहुंचे दलों के विभिन्न नेताओं का स्वागत केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने किया।

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