नई दिल्ली। दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले विधेयक को संसद में पेश किए जाने से पहले कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर एक बार फिर असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है। विधेयक पर ‘इंडिया’ गठबंधन के साथी आम आदमी पार्टी (आप) का साथ देने का ऐलान कर चुकी कांग्रेस में फिर से विरोध की आवाज उठ गई है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा है कि इस बिल का विरोध करना गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘इंडिया’ गठबंधन को बिल पर गलत समझाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे ने पहले भी पार्टी को नसीहत दी थी कि इस मुद्दे पर ‘आप’ का साथ नहीं देना चाहिए। हालांकि, आलाकमान की ओर से दिल्ली सरकार को समर्थन का ऐलान किए जाने के बाद से संदीप समेत अन्य नेताओं ने चुप्पी साध ली थी। अब सोमवार को एक बार फिर उन्होंने खुलकर इसका विरोध किया।
संदीप दीक्षित ने कहा, ‘यह बिल पास भी होना चाहिए। दिल्ली का जो दर्जा है उस हिसाब से इस बिल को पास होना चाहिए, जिसमें कोई गलत बात नहीं है। अगर दिल्ली को शक्ति देनी है तो उसे पूरा राज्य बनाएं। यह अध्यादेश उन्हीं शक्तियों का बंटवारा उसी तरह कर रहा है जो दिल्ली की संवैधानिक संशोधन और दिल्ली अधिनियम की मूलभावनाओं में था। इसलिए इस बिल का विरोध करना गलत है।’
संदीप दीक्षित ने कहा कि अकेले केजरीवाल ने पूरे इंडिया गठबंधन को एक तरह से गलत समझाया है। जब कोई बड़ा गठबंधन गलत समझ ले तो यह उनकी गलती है। उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल ने पहले जिस तरह दिल्ली को बनाया, फिर देश को बनाया अब पूरे इंडिया को बनाया है।’ दीक्षित की तरह दिल्ली यूनिट के और कई बड़े नेता पार्टी को सलाह देते रहे हैं कि ‘आप’ का साथ ना दिया जाए। अजय माकन और अलका लांबा जैसे नेताओं ने भी खुलकर आवाज उठाई थी।
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