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‘लगातार हो रही थी फायरिंग, बरस रहे थे पत्थर…’, नूंह हिंसा की आंखो-देखी, जानिए पूरी टाइमलाइन

नूंह में हिसा के बाद तनाव की स्थिति हैहरियाणा का नूंह जिला महाभारत कालीन शिवमंदिर और इस इतिहास से जुड़े धार्मिक क्षेत्रों के लिए जाना जाता है. हर साल सावन के सोमवार के दिन ब्रजमंडल यात्रा निकलती है. वही यात्रा इस साल भी निकली थी, लेकिन इस बार यात्रा के दौरान कुछ और होना मंजूर था. हुआ भी वही, जिसे आमतौर पर तो अनहोनी कहा जाएगा, लेकिन जिस तरह के इनपुट और जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे ये साबित होता जा रहा है कि ये अनहोनी नहीं एक साजिश थी, सोची-समझी साजिश.

एक वायरल वीडियो, भड़की हिंसा और पांच की मौत 
हुआ यूं कि यात्रा से पहले मोनू मानेसर नाम के डबल मर्डर केस में फरार आरोपी का एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो के बिनाह पर सोशल मीडिया में यात्रा में मोनू मानेसर के शामिल होने की अफवाह उड़ाई जाने लगी. इसकी जानकारी पुलिस को थी. पुलिस कहती है कि नाकों पर पुलिस की तैनाती भी थी, लेकिन बीच रास्ते में हमला हो गया. यात्रा को घेरकर पत्थरबाजी होने लगी तो हिंसा दोनों तरफ से शुरू हो गई. मंदिर में सैकड़ों लोग घेर लिए गए. इसके बाद जो हुआ वह सबके सामने है. पत्थरबाजी,  फायरिंग, आगजनी और पांच की मौत…

1 बजे निकली थी यात्रा

ये सावन मास का चौथा सोमवार था और दोपहर हो चुकी थी. 1 बजे का वक्त था और नल्हड़ शिव मंदिर से यात्रा की शुरुआत हुई और दोपहर 1:30 बजे यात्रा मेडिकल चौक पहुंची. तभी मुस्लिम मोहल्ले से यात्रा की कारों और बसों पर पथराव हो गया. इसके करीब आधे घंटे बाद दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए. सिर्फ पत्थर ही नहीं, रॉड, डंडे और बंदूकों का इस्तेमाल किया गया. करीब 2:30 से 3:00 बजे तक 5 हवाई फायर हुए. इसके बाद आगजनी और हिंसा का दौर शाम 4 बजे के बाद तक जारी रहा. यात्रा के दौरान क्या-क्या हुआ और हिंसा कैसे-कैसे फैली, आजतक से बात करते हुए एक प्रत्यक्षदर्शी ने रोंगटे खड़े करने वाला वाकया बताया.

मेवात में हिंसा

चारों ओर थे सिर्फ उपद्रवी
बृजमडंल यात्रा के दौरान नूंह में हिंसा, यात्रा में शामिल सोनीपत के रहने वाले अनिल पुस्कुरान ने आंखों देखी बताई. उन्होंने बताया कि मंदिर से यात्रा निकलने के बाद नूंह चौक पर पत्थरबाजी की गई थी. यात्रा के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे. सिर्फ चारों तरफ उपद्रवी थे जो उपद्रव कर रहे थे. गाड़ी और गाड़ियों को उपद्रवी जलाते हुए चल रहे थे. हॉस्पिटलों की छतों पर चढ़कर पत्थरबाजी हो रही थी. अनिल ने बताया कि उन्होंने भी अपना सिर बचाते हुए किसी तरह उपद्रवियों और पत्थरबाजी के बीच से भागते हुए जान बचाई है. उपद्रवियों के हाथ में लाठी-डंडे पत्थर और तेजधार हथियार थे. अनिल पर भी लाठी-डंडे और पत्थर बरसते रहे और वह भागता रहा. वहीं पुलिस ने उन्हें 8 बजे रेस्क्यू किया. उस समय तक लोगों में हालात बहुत ज्यादा खराब हो चुके थे.

कब, क्या, कैसे हुआ, जानिए प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी
ब्रजमंडल यात्रा के दौरान नूंह में हिंसा और बवाल के बाद प्रदेश के हालात सुधारने के लिए सरकार ने अति संवेदनशील एरिया में धारा 144 लगा दी है. इसके साथ ही अतिरिक्त फोर्स की मांग भी कर ली गई है. ब्रजमंडल यात्रा के दौरान सोनीपत निवासी अनिल पुस्कुरान भी सोनीपत से इस यात्रा में शामिल होने के लिए मेवात पहुंचे थे. अनिल ने पूरे मामले की जो आंखों देखी बताई है उससे किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं.

हर चौक पर उपद्रवी, रास्ते भर उपद्रव
अनिल के मुताबिक, वह ब्रजमंडल यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे और वहां पर मंदिर में ही भंडारे का आयोजन किया गया था. उसी दौरान वह बस से जब वापस आ रहे थे तो सड़क पर जाम लग गया और दूसरी तरफ जाने का कोई रास्ता नहीं था. उससे थोड़ी दूरी पर ही 100 से 200 की संख्या में उपद्रवी उपद्रव मचा रहे थे. यह माहौल देखकर गाड़ी चालकों ने गाड़ियों को मोड़ना शुरू कर दिया और उसके बाद सभी मंदिर में वापस दौड़ पड़े. जिसको जो गाड़ी मिली उसी में सवार होकर वह मंदिर की तरफ चल पड़ा, लेकिन जिस तरफ गाड़ी जा रही थी. उसी तरफ उपद्रवी दिखाई दे रहे थे. कोई चौक ऐसा नहीं था जहां पर उपद्रवी  मौजूद न हों.

मेवात में हिंसा

चारों तरफ से आ रही थी गोलियों की आवाज
चारों तरफ से गोलियों के शोर की आवाज सुनाई दे रही थी. बसों-कारों को जलाया जा रहा था. वही जब जिस बस में सवार थे, उसे भी जलाए जाने की बात हो रही थी. यह सुनकर वह गाड़ी से नीचे उतर कर भागे और जब तक हिंसा करने वालों से दूर नहीं पहुंच गए, जब वह उपद्रवियों से 200 मीटर दूर पहुंचे तो पुलिस की एक जिप्सी दिखाई दी और उसमें चार-पांच पुलिसकर्मी थे. लगातार गोलियों की आवाज आ रही थी. वह भागकर मंदिर में पहुंचे और तभी अपनी जान बचा सके. अनिल ने बताया कि मंदिर में पहुंचने के बाद चारों तरफ हिंसा और उपद्रव होने के बाद पुलिस वहां पहुंची और उन्हें वहां से निकाला गया.

फायरिंग से पैर में लगी गोली, आधे घंटे बाद पहुंच सके अस्पताल
हरियाणा के भिवानी इलाके के रहने वाले दिनेश को दाहिने पैर में गोली लगी है. दिनेश ने बताया कि वह मंदिर के बाहर मौजूद था, जब किसी ने गोली मारी. वह काफी देर तड़पता रहा लेकिन मौके पर एंबुलेंस नहीं आ सकी. फिर पुलिस ने उसे आधे घंटे बाद हॉस्पिटल पहुंचाया. हालांकि हॉस्पिटल और जिस जगह पर दिनेश को गोली लगी की दूरी ज्यादा नहीं है. दिनेश के मुताबिक यह लोग मंदिर में मौजूद थे और जब यह बाहर की तरफ आए और पथराव देखा तो अंदर चले गए. उसके बाद इन्होंने देखा कि पहाड़ों पर चढ़कर पत्थरबाजी की जा रही है.

‘कम था पुलिस बल, नहीं रोक पाई हिंसा’
आजतक से बात करते हुए चश्मदीद अली शेर आलम ने कहा कि सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो से लोगों में नफरत बढ़ी थी. उनके मुताबिक, उन्होंने देखा कि दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चल रहे थे. चारों तरफ हाहाकर मचा था, आग लगी थी, बहुत से गाड़ियों को जला दिया गया था. शोभायात्रा निकाली गई थी, जिसमें कुछ शरारती तत्व नारेबाजी कर रहे थे. गलत तरीके से हुई नारेबाजी से नफरत बढ़ी और झड़प हुई. इसके बाद पत्थरबाजी होने लगी. पुलिस की तादाद कम थी, जो इसे तुरंत नहीं रोक पाई.

नालेश्वर मंदिर के पुजारी बोले, अरावली पहाड़ियों के पीछे से हुई गोलीबारी

नालेश्वर मंदिर के पंडित दीपक शर्मा भी हिंसा की इस वारदात के प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं. इसी नालेश्वर महादेव मंदिर से यात्रा की शुरू हुई थी. उन्होंने कहा कि यात्रा की शुरुआत के साथ ही मेडिकल चौक पर पथराव होने लगा. पथराव के बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया. इसके बाद हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर में शरण ली. पंडित के अनुसार अरावली की पहाड़ियों के पीछे से गोलीबारी हुई और करीब एक किलोमीटर दूर तक कारों को आग लगा दी गई. पंडित दीपक शर्मा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि लोग काफी डरे और सहमे हुए थे. भीड़ में मौजूद लोगों को समझ ही नहीं आया कि अचानक क्या हुआ. आजतक से बात करते हुए पंडित ने प्रशासन और सरकार से मंदिर को स्थायी सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सोमवार की घटना के बाद से मंदिर में रहने वाले लोग डरे हुए हैं.

प्रभावित इलाकों में धारा 144 लागू

जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों में जिले में किसी भी सड़क मार्ग को अवरुद्ध करने व सार्वजनिक स्थान पर पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने, किसी भी प्रकार के लाइसेंसी हथियार या फायर आर्म्स, तलवार, गंडासा, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, जेली, चाकू व अन्य हथियार लेकर चलने पर पाबंदी लगाई गई है. ये आदेश जिला में तुरंत प्रभाव से लागू किए गए हैं जोकि आगामी आदेशों तक प्रभावी रहेंगे. जारी आदेशों की अवहेलना करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

गुरुग्राम जिला में लागू की गई धारा 144

नूंह जिले में सांप्रदायिक तनाव के मद्देनजर गुरुग्राम के जिलाधीश एवं डीसी निशांत कुमार यादव ने जिला गुरुग्राम में कानून के बेहतर अनुपालन कराए जाने एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू की है. सोमवार शाम जिलाधीश द्वारा निर्देश जारी किए गए. जारी आदेशों में आगामी आदेशों तक जिले में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू करते हुए आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं.

नूंह में हुए उपद्रव की पूरी टाइमलाइन
–  दोपहर 1:00 बजे नल्हड़ शिव मंदिर मेवात से यात्रा शुरू हुई.
– दोपहर 1:30 बजे यात्रा मेडिकल चौक पहुंची. तभी मुस्लिम मोहल्ले से यात्रा की कारों और बसों पर पथराव हो गया.
– करीब 2:00 बजे दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए.
– सिर्फ पत्थर ही नहीं, रॉड, डंडे और बंदूकों का इस्तेमाल किया गया.
– करीब 2:30 से 3:00 बजे तक 5 एयर शूट हुए.
– तभी वीएचपी और बंजरंग दल के कार्यकर्ता अस्पताल की ओर आए.
– वहां गांवों के लोगों ने उन्हें निशाना बनाया और वे शिव मंदिर की ओर चले गए.
– शाम करीब 4:30 बजे मंदिर में गोली चलने की सूचना मिली.

अफवाहों पर न दें ध्यानः गुरुग्राम पुलिस
गुरुग्राम पुलिस की ओर से कहा गया कि, हम अफवाह फैलाने वाली ऐसी सूचनाओं की निंदा करते हैं. सभी कार्यालय खुले हैं और काम कर रहे हैं. गुरुग्राम के भीतर और बाहर कहीं भी आने-जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. सभी से अपील है कि कृपया अफवाहें और गलत सूचना फैलाने से बचें.

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