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भारत के चंद्रयान-3 ने भेजी चांद की पहली तस्वीर, आपने देखी क्या?

Chandrayaan-3 First Image of Moon

ISRO ने 5 अगस्त 2023 को चंद्रमा के ऑर्बिट में चंद्रयान-3 को पहुंचा दिया है. अब चंद्रयान-3 चांद के चारों तरफ 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से चांद के चारों तरफ 164 x 18074 KM के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा है. (सभी फोटो: ISRO )
Chandrayaan-3 First Image of Moon

आप तो चंद्रयान से ली हुई चांद की पहली तस्वीरें देखिए. हर तस्वीर में बाएं तरफ गोल्डेन रंग का यंत्र चंद्रयान का सोलर पैनल है. सामने चंद्रमा की सतह और उसके गड्ढे दिख रहे हैं. ये हर फोटो में बढ़ते जा रहे हैं.

Chandrayaan-3 First Image of Moon

आज चंद्रयान की ऑर्बिट को 10 से 12 हजार किलोमीटर वाली ऑर्बिट में डाला जाएगा. 9 अगस्त की दोपहर पौने दो बजे करीब इसके ऑर्बिट को बदलकर 4 से 5 हजार किलोमीटर की ऑर्बिट में डाला जाएगा. हर तस्वीर में चंद्रमा बड़ा और गहरा होता जाएगा.

Chandrayaan-3 First Image of Moon

14 अगस्त की दोपहर इसे घटाकर 1000 किलोमीटर किया जाएगा. पांचवें ऑर्बिट मैन्यूवर में इसे 100 किलोमीटर की कक्षा में डाला जाएगा. 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे.

Chandrayaan-3 First Image of Moon

18 और 20 अगस्त को डीऑर्बिटिंग होगी. यानी चांद के ऑर्बिट की दूरी को कम किया जाएगा. लैंडर मॉड्यूल 100 x 35 KM के ऑर्बिट में जाएगा. इसके बाद 23 की शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चंद्रयान की लैंडिंग कराई जाएगी.

Chandrayaan-3 First Image of Moon

चांद के ऑर्बिट को पकड़ने के लिए चंद्रयान-3 की गति को करीब 3600 किलोमीटर प्रतिघंटा के आसपास किया गया. क्योंकि चंद्रमा की ग्रैविटी धरती की तुलना में छह गुना कम है. अगर ज्यादा गति रहती तो चंद्रयान इसे पार कर जाता.

Chandrayaan-3 First Image of Moon

इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान की गति को कम करके 2 या 1 किलोमीटर प्रति सेकेंड किया. इस गति की वजह से वह चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ पाया. अब धीरे-धीरे चांद के चारों तरफ उसके ऑर्बिट की दूरी को कम करके दक्षिणी ध्रुव के पास पर लैंड कराया जाएगा.

Chandrayaan-3 First Image of Moon

चंद्रयान-3 इससे पहले 288 x 369328 किलोमीटर की ट्रांस लूनर ट्रैजेक्टरी में यात्रा कर रहा था. अगर यह चांद का ऑर्बिट नहीं पकड़ पाता तो 230 घंटे बाद यह धरती के पांचवी कक्षा वाले ऑर्बिट में वापस आ जाता. इसरो इसे दोबारा चांद पर भेजने का दूसरा प्रयास कर सकते थे.

Chandrayaan-3 First Image of Moon

इतिहास देख लीजिए… जिन भी देशों या स्पेस एजेंसियों ने सीधे चंद्रमा की ओर अपने रॉकेट के जरिए स्पेसक्राफ्ट भेजा. उन्हें निराशा ज्यादा मिली है. तीन मिशन में एक फेल हुआ. लेकिन इसरो ने जो रास्ता और तरीका चुना है, उसमें फेल होने की आशंका बेहद कम है. यहां दोबारा मिशन पूरा करने का चांस है.

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