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पहली बार नहीं इंडिया नाम बदलने की मांग, योगी चाहते थे हिंदुस्तान; कांग्रेस भी ला चुकी है बिल

पहली बार नहीं इंडिया नाम बदलने की मांग, योगी चाहते थे हिंदुस्तान; कांग्रेस भी ला चुकी है बिललखनऊ। इंडिया की जगह भारत शब्द के प्रयोग को लेकर देश भर में बहस छिड़ी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा आपत्ति कांग्रेस और उसके इंडिया गठबंधन की तरफ से आ रही हैं। इन सबके बीच एक बड़ा सच यह है कि कभी कांग्रेस खुद इंडिया की जगह भारत नाम का प्रस्ताव ला चुकी है। इसके लिए बाकायदा संसद में बिल लाया गया था। सिर्फ इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता योगी आदित्यनाथ भी बहुत पहले इंडिया नाम बदलने की मांग उठा चुके हैं। उन्होंने इंडिया की जगह हिंदुस्तान रखने की बात कही थी। उन्होंने यह मांग 2014 में गोरखपुर का सांसद रहते हुए की थी।

बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से प्रेषित जी20 रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र में उन्हें ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’  संबोधित करने के बाद से इसको लेकर बहस तेज है। वैसे इंडिया की जगह भारत शब्द के इस्तेमाल की मांग कांग्रेस ने साल 2012 में ही उठाई थी। उस वक्त कांग्रेस सांसद शांताराम नाइक ने इसको लेकर राज्यसभा में प्राइवेट बिल पेश किया था। संविधान संशोधन विधेयक पेश करते हुए शांतराम नाइक ने इसके पीछे की वजह भी बताई थी। उन्होंने कहा था कि इंडिया शब्द से क्षेत्रीय अवधारणा की झलक मिलती है। जबकि भारत शब्द से क्षेत्रीयता से कहीं आगे की झलक देता है। नाइक ने यह भी कहा था कि हम इंडिया की जय नहीं कहते, बल्कि भारत माता की जय कहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने एक नहीं, बल्कि दो बार यह बिल पेश किया था। पहली बार उनके कार्यकाल का अंत होने के चलते बिल निष्प्रभावी हो गया था। नाइक ने कहा था कि भारत नाम से देशभक्ति का जोश आता है।

इसी तरह से भाजपा के प्रमुख नेता और फिलहाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी संविधान में इंडिया शब्द को बदलने की मांग कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने इसकी जगह भारत नहीं, बल्कि हिंदुस्तान शब्द लाने की बात कही थी। साल 2014 में गोरखपुर का सांसद रहते हुए उन्होंने यह निजी बिल पेश किया था। इस विधेयक में उन्होंने मांग की थी संविधान में जहां-जहां इंडिया शब्द है, उसकी जगह हिंदुस्तान शब्द करने की बात कही थी। इसके पीछे की वजह बताते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि भारत और हिंदुस्तान हमारे देश के पारंपरिक नाम हैं। ब्रिटिश काल से पहले से भी यह नाम चलन में थे। लेकिन अंग्रेजों ने इसे इंडिया कर दिया। योगी ने कहा था कि अंग्रेजी नाम की लोकप्रियता के चलते हमारे देश का पारंपरिक हिंदुस्तान नाम छूट गया। उन्होंने कहा था कि इंडिया दैट इज भारत की जगह भारत, दैट इज हिंदुस्तान किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि जी20 से संबंधित रात्रिभोज के निमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के तौर पर संबोधित किए जाने को लेकर मंगलवार को बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार देश के दोनों नामों ‘इंडिया’ और ‘भारत’ में से ‘इंडिया’ को बदलना चाहती है। वहीं, सूत्रों ने बताया कि जी20 से संबंधित कुछ दस्तावेजों में देश के नाम के रूप में भारत का इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सोच-समझकर लिया गया निर्णय है। विपक्ष का यह भी आरोप है कि इंडिया गठबंधन की लोकप्रियता से सत्तापक्ष घबरा गया है। मामले पर खूब सियासत हो रही है और दोनों ही पक्षों से आरोप-प्रत्यारोप का आरोप जारी है।

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