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ममता बनर्जी ने देश का नाम भारत रखने का किया सशर्त समर्थन, कांग्रेस को संदेश?

ममता बनर्जी ने देश का नाम भारत रखने का किया सशर्त समर्थन, कांग्रेस को संदेश?पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश का नाम भारत रखे जाने का समर्थन किया है। हालांकि, उन्होंने शर्त रखते हुए इस बात पर जोर दिया कि इंडिया नाम भी बने रहना चाहिए। सीएम बनर्जी ने कहा, ‘बंगाली और हिंदी बोलने वाले लोग देश को भारत ही कहते हैं। बाबा साहब आंबेडकर की ओर से तैयार संविधान की प्रस्तावना की पहली पंक्ति में इंडिया नाम का जिक्र है। मगर, उन्होंने (केंद्र) संविधान में संशोधन किए बिना ही नया नाम पेश किया। यह असंवैधानिक है।’ बंगाल सीएम ने निवेश की तलाश में स्पेन और दुबई के 11 दिवसीय दौरे पर रवाना होने से एक दिन पहले यह बयान दिया।

ममता बोलीं- कमल का इस्तेमाल भी जी20 में खूब हुआ
TMC चीफ ने आगे कहा कि अगर ऐसा है तो मैं कहना चाहूंगी कि कमल का इस्तेमाल तो G20 शिखर सम्मेलन के दौरान खूब हुआ जो कि भाजपा का चुनाव चिन्ह है। समिट में यह हर जगह था। उन्होंने कहा, ‘कमल हमारा राष्ट्रीय फूल भी है। इसे लेकर सोचने की जरूरत है। मैं झगड़ा शुरू करने के लिए ये सब नहीं कह रही हूं। ये ऐसी बातें हैं जिन पर सौहार्दपूर्ण ढंग से चर्चा होनी चाहिए।’ वहीं, बंगाल भाजपा के मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भारत एक शाश्वत आत्मा है। इस पर बहस करना संविधान की मूल भावना का अपमान होगा।

ममता बनर्जी का भारत को लेकर यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने जी20 रात्रिभोज में शामिल होने को लेकर उन पर सवाल उठाए थे। अधीर ने पूछा कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका रुख कमजोर नहीं होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो के कार्यक्रम में भाग लेने का कोई अन्य कारण था। टीएमसी ने चौधरी पर पलटवार करते हुए कहा कि बनर्जी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अस्तित्व में आने के लिए प्रमुख सूत्रधारों में से एक हैं। कांग्रेस नेता को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें व्याख्यान देने की जरूरत नहीं है।

सीएम बनर्जी ने अपने भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से भेजे गए समन को लेकर केंद्र पर कटाक्ष किया। साथ ही उन्होंने शनिवार को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का भी विरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह राजनीतिक प्रतिशोध है। लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की एक-दूसरे के साथ कुछ अंडरस्टैंडिंग हो सकती है। शायद कुछ की नहीं भी, लेकिन लोकतंत्र सीमाएं भी तय करता है। अगर कोई पार्टी आज इस तरह का व्यवहार करती है जो वह सत्ता में है, तो दूसरी पार्टी कल सत्ता में आने पर भी ऐसा ही करेगी। इसलिए ऐसा नहीं होना चाहिए।’

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