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निडर निष्पक्ष पत्रकारिता से समाज को आईना दिखाने का संकल्प

आईना दिखाती पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है महिलाओं की भागीदारी।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस को ऑल इंडिया न्यूज़ पेपर एसोसिएशन, आईना ने संकल्प दिवस के रूप में मनाया।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर देश में पत्रकारों के अनेक संगठनो द्वारा कई जगहों पर आयोजन किए गए जिसमें पत्रकारिता के वरिष्ठ और पुरोधाओं ने पत्रकारों के प्रति चिंतन मनन मंथन करते हुए उनके संरक्षण और हितों की बात की, वहीं पर आईना परिवार ने अशोक मार्ग स्थित व्यंजन रेस्टोरेंट में बैठक करते हुए संगठन के पत्रकारों और पदाधिकारियों ने निडर निष्पक्ष पत्रकारिता के माध्यम से समाज के सामने समाचारों को सच्चाई के साथ प्रस्तुत करने का संकल्प लिया।
बैठक का आयोजन आईना के फ्रीलांसर राष्ट्रीय सलाहकार सुशील दुबे द्वारा किया गया। जिसमें सभी पत्रकारों ने भारतीय प्रेस दिवस पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
आईना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय वर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डीपी शुक्ला, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव संत प्रसाद शुक्ला, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव लईक अहमद, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव रंजना राठौर, प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह, उपाध्यक्ष श्यामल त्रिपाठी, अनिल तिवारी, महिला प्रदेश अध्यक्ष गुरमीत कौर, सदस्य पूजा अवस्थी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये ।
आईना महिला मोर्चे की अध्यक्षा श्रीमती गुरमीत कौर द्वारा अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया गया कि पत्रकार क्षेत्र में महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती रिपोर्टिंग के साथ-साथ अपने घर परिवार को संभालने की भी रहती है और संभवत इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए महिलाओं द्वारा अध्यापन क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाती है और पत्रकारिता से दूरी बनाई गई है। लेकिन समाज को सही मायने में आईना दिखाने का काम और किसी भी खबर में संवेदना के साथ-साथ सामंजस्यपूर्ण बनाकर जो कार्य एक महिला पत्रकार द्वारा किया जा सकता है वह किसी अन्य के द्वारा नहीं किया जा सकता है।
डिजिटल युग मे सृष्टि के निर्माण में अपनी अहम भूमिका रखने वाली महिलाओं को पत्रकरिता क्षेत्र की चुनौतियों को नजर अंदाज करके समाज को आईना दिखाती पत्रकारिता क्षेत्र में आगे लाने के लिए आईना द्वारा सतत प्रयास किया जा रहा है।
आईना की राष्ट्रीय संयुक्त सचिव महिला पत्रकार रंजना ने बताया कि जहां आज पत्रकारिता क्षेत्र में कई महिलाएं संपादक और टेलीविजन एंकर के पदों पर काम करते हुए दिखती हैं वहीं अभी भी महिलाओं की भागीदारी मीडिया क्षेत्र में बेहद कम है, पिछले 25 सालों में महिला पत्रकारों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन अभी भी पुरुष प्रधान मीडिया क्षेत्र में 5 फीसदी महिला पत्रकार नहीं है।
उत्तर प्रदेश में भी पत्रकारों के तमाम संगठन बने हैं लेकिन पुरुष प्रधान की मानसिकता के चलते महिलाओं को आज भी उन संगठनो में महत्वपूर्ण पद नहीं दिया जाता है, वहीं आईना एकमात्र संगठन है जो पुरुष और महिलाओं में न तो मतभेद करता है, न हीं महिलाओं की काबिलियत पर सवाल उठाये जाते है और न ही कोई अमर्यादित व्यवहार संगठन में देखने को मिलता है।
पत्रकारिता क्षेत्र में आईना द्वारा महिला पत्रकारों को प्रोत्साहित करने का हमेशा प्रयास किया जा रहा है और बदलते भारत के बदलते स्वरूप में न्यू मीडिया के क्षेत्र में आईना दिखाती पत्रकारिता का स्वर्णिम युग अभी आना बाकी है जो महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नही होगा ।
अंत में सुशील दुबे जी ने अपने विचार व्यक्त कर सभी का आभार व्यक्त करते हुए बैठक का समापन किया।

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