लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब हलाल सर्टिफिकेट के कोई मायने नहीं रह गए हैं, बल्कि ये हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों को रखने पर जेल की हवा खानी पड़ सकती है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तय किया है कि राज्य की सीमा के भीतर हलाल उत्पादों के उत्पादन, वितरण, भण्डारण पर संपूर्ण बैन लागू हो। इसके लिए आधिकारिक तौर पर आदेश भी जारी कर दिया गया है।
बता दें कि एक खास वर्ग हर सामान में ‘हलाल सर्टिफिकेट’ ढूँढता था, जिससे व्यापारिक वर्ग को वर्गीकृत ढंग से नुकसान उठाने पर मजबूर होना पड़ता था। अब ऐसा बिल्कुल नहीं चलने वाला है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा है कि हलाल सर्टिफिकेट किसी उत्पाद की गुणवत्ता से संबंधित नहीं है। ऐसे निशान गुणवत्ता को लेकर भ्रम की स्थिति ही पैदा करते हैं। जिन उत्पादों पर इस तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनका उल्लेख राज्य सरकार द्वारा जारी पत्र में साफ तौर पर किया गया है।
इस पत्र में बताया गया है कि डेरी उत्पाद, चीनी, बेकरी उत्पाद, पिपरमिंट ऑयल, रेडी टू ईट सेवरीज व खाद्य तेल आदि के लेबल पर हलाल प्रमाणन का उल्लेख किया जा रहा है, जो कि गलत है। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि इन उत्पादों के लिए एफएसएसएआई (Food Safety and Standards Authority of India) प्रमाण पत्र ही काफी है।
इसका मतलब है कि ये पदार्थ अगर दूसरे देशों में भेजे जाने के लिए उत्पादित किए जा रहे हैं, तब इन पर सरकार रोक नहीं लगाएगी, लेकिन ऐसे पदार्थ अगर राज्य की सीमा में मिले, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी तय है।
एएनआई द्वारा जारी यूपी सरकार के आदेश में कहा गया है, “सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणित खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।”
Uttar Pradesh | Food Commissioner's Office issues order, "In the interest of public health, production, storing, distribution and sale of halal certified edible items banned in Uttar Pradesh with immediate effect." pic.twitter.com/G9GXLPj83n
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023
योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अब सूची में शामिल किसी भी वस्तु पर हलाल सर्टिफिकेट या ठप्पा मिला, तो उस पर कार्रवाई होनी तय है।