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बाल नोचे, धक्का मारा और फिर चढ़ा दी गाड़ी… 10 लाख फॉलोअर वाली इंफ्लुएंसर को सीनियर ब्यूरोक्रेट के बेटे ने कार से रौंदा, केस दर्ज

इंफ्लुएंसर को बॉयफ्रेंड ने मारी टक्करमहाराष्ट्र में एक इंफ्लुएंसर ने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर साझा करके बताया कि हाल में उनके बॉयफ्रेंड ने एक झगड़े के बाद उनको कार से रौंद डाला। इंफ्लुएंसर का नाम प्रिया सिंह है जिनके इंस्टाग्राम पर 1 मिलियन से ज्यादा फॉलोवर हैं। प्रिया का आरोप है कि उनका बॉयफ्रेंड अश्वजीत गायवाड, जो कि महाराष्ट्र के वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट का बेटा है, उसने उन्हें कार से कुचला और फिर मरने के लिए सड़क पर छोड़कर चला गया।

प्रिया द्वारा शेयर की गई फोटोज में देख सकते हैं कि उनके शरीर पर गहरे चोट के निशान हैं। उनके हाथ और पेट में रगड़ आई है। तस्वीर में वो अस्पताल में भर्ती दिखाई दे रही हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में आरोप लगाया है कि अश्वजीत के पिता अनिल गायवाड के रसूख के कारण पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वह महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

प्रिया के मुताबिक, उनका अश्वजीत के साथ पिछले साढ़े 4 साल से रिश्ता था। सोमवार (11 दिसंबर 2023) की सुबह अश्वजीत ने उन्हें उससे मिलने के लिए बुलाया। उस समय वह अपने दोस्तों के साथ एक प्रोग्राम में था। प्रिया जब मिलने पहुँची तो अश्वजीत दोस्तों के सामने उससे अजीब व्यवहार कर रहा था। पीड़िता ने अकेले में बात करने का प्रयास किया लेकिन अश्वजीत का दोस्त रोमिल पटेल उनके बीच में आता रहा।

इससे सारी बातचीत बहस में बदल गई। दोस्तों ने मिलकर पीड़िता को गालियाँ देना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रिया ने अपने बॉयफ्रेंड से उसकी तरफ से बोलने को कहा लेकिन अश्वजीत ने उसे थप्पड़ मारा, गला दबाया और बाल खींचते हुए उन लोगों ने प्रिया को जमीन पर धक्का दिया। इसके बाद कार में बैठ गए।

अपने पोस्ट में प्रिया ने न्याय की गुहार लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद, डिप्टी सीएम फडणवीस, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, शिवसेना के आदित्य ठाकरे आदि नेताओं को पोस्ट में टैग किया है।

बताया जा रहा है कि इस मामले ससे कासरदावली पुलिस ने अश्वजीत, शेल्के, रोमिल और प्रसाद पाटिल के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। मगर गिरफ्तारी अभी तक किसी की नहीं हुई है। इसी कारण से प्रिया ने कहा है कि पुलिस अश्वजीत के पिता के कारण कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 279 (सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना) और 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत दर्ज है।

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