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केपटाउन टेस्ट में गिल पर होगी सबकी नज़रे

दिव्य नौटियाल

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरा टेस्ट मैच तीन जनवरी से शुरू हो रहा है। सेंचुरियन टेस्ट में टीम इंडिया को महज तीन दिनों के अंदर पारी और 32 रनों की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। तेज पिच पर भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह से बिखर गई जबकि गेंदबाजों का प्रदर्शन भी सवालों के घेरे में हैं। शमी के न होने से भारतीय गेंदबाजी पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई है जबकि बल्लेबाजी में इतनी गहराई देखने को नहीं मिली। गिल और अय्यर अभी क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट की तरह टेस्ट क्रिकेट को भी ले रहे हैं।
अब टीम इंडिया अगला टेस्ट मैच केपटाउन में खेलने जा रही है लेकिन एक बार फिर टीम इंडिया के सामने बड़ी चुनौती है। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम ने अभी तक कोई टेस्ट सीरीज अपने नाम नहीं की है। रोहित शर्मा की कप्तानी में फिलहाल यह सपना अधूरा नजर आ रहा है लेकिन टीम इंडिया के पास सीरीज बराबरी करने का सुनहरा मौका है। केपटाउन पर टीम इंडिया रिकॉर्ड की बात की जाये तो यहां पर भारतीय टीम ने सिर्फ छह टेस्ट मैच खेले हैं और उसे 4 मैचों में हार झेलनी पड़ी है जबकि दो मैच ड्रॉ रहे हैं। पहली बार टीम इंडिया अजहर की कप्तानी में 1993 में केपटाउन में उतरी थी और ये टेस्ट ड्रॉ  रहा था जबकि इसके बाद साल 1997 में तेंदुलकर की कप्तानी में उतरी थी और दक्षिण अफ्रीका ने 282 रनों के अंतर से पराजित किया था। 2007 में द्रविड़ की कप्तानी में अच्छा खेलने के बावजूद टीम इंडिया को पांच विकेट से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। वहीं धोनी की कप्तानी में साल 2010-11 में खेला गया टेस्ट ड्रॉ रहा था जबकि कोहली ने दो बार टीम इंडिया का दो बार 2018 और 2022 में खेली थी और दोनों मौकों पर टीम इंडिया को बड़ी हार झेलनी पड़ी थी। केपटाउन में तीन जनवरी से शुरू हो रहे टेस्ट मैच में टीम इंडिया की बल्लेबाजी पर सबकी नजरे होंगी। तीन नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले गिल अभी टी-20 के अंदाज में खेल रहे हैं जबकि उनको मालूम होना चाहिए टेस्ट क्रिकेट काफी धैर्य के साथ खेलना पड़ता है। गिल को लाल गेंद सफेद गेंद में अंतर से समझना होगा। तीन नंबर बल्लेबाजी क्रम काफी अहम होता है। अगर गिल सस्ते में आउट होते है तो पूरा प्रेशर कोहली पर आ जा जाता है। गिल ने सफेद गेंद से काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और वनडे में 63.36 की औसत 1584 रन बनाये और टी-20 में उनका इसी तरह का प्रदर्शन रहा है। ऐसे में गिल को अपने टेस्ट में साबित करना होगा नहीं तो इस नंबर किसी और बल्लेबाज को आगे आजमाया जा सकता है।

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