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TMC नेता शाहजहाँ के घर रेड मारने आई ED टीम, ईंट-पत्थर से लैस ‘भीड़’ ने कर दिया हमला: बंगाल में CRPF जवानों और पत्रकार को भी नहीं छोड़ा

बंगाल ईडी पर हमलापश्चिम बंगाल के राशन घोटाला केस में तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता शाहजहाँ शेख के घर रेड मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर और सीआरपीएफ के जवानों पर 250-300 लोगों की भीड़ ने जानलेवा हमला किया। इस दौरान पत्रकारों पर भी अटैक हुआ और कई गाड़ियों में तोड़फोड़ भी हुई।

हमले में ईंट-पत्थर का इस्तेमाल हुआ। सामने आई तस्वीर में एक आदमी का सिर खून से लथपथ नजर आ रहा है। वो कपड़ा बाँधकर सुरक्षाकर्मियों के साथ खड़ा है। भीड़ में पुरुषों के साथ महिलाएँ भी थीं। सबने ईडी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें गालियाँ दीं, फिर हमला किया।

घटना बंगाल के 24 नॉर्थ परगना की है। इस दौरान न्यूज 18 के पत्रकार के साथ बदसलूकी हुई। उनकी कार पर तोड़फोड़ हुई और कैमरा भी तोड़ दिया गया।

भाजपा चीफ सुकंता मजूमदार ने घटना पर कहा, “उनके खिलाफ शिकायत है भ्रष्टाचार मामले में। ये सामान्य है कि ईडी तो एक्शन लेगी ही। ईडी पर संदेशखाली में हुआ हमला दिखाता है कि आखिर रोहिंग्या लॉ एंड ऑर्डर के साथ कर क्या रहे हैं।”

वहीं सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था जर्जर है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से स्थिति का संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने ये भी माँग की है कि इस मामले की जाँच एनआईए को सौंपी जाए। अपने ट्वीट में उन्होंने इस हमले में रोहिंग्याओं का हाथ होने की आशंका जताई है।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही ईडी ने राशन घोटाला का खुलासा करते हुए बताया था कि पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का का लगभग 30% राशन खुले बाज़ार में बेच दिया गया। राशन की कथित चोरी से जो फायदा हुआ, वो मिल मालिकों और PDS वितरकों के बीच बँट गया।

इसके अलावा किसानों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलकर MSP की राशि भी आपस में बाँटी गई। ये काम डीलरों, वितरकों और राशन दुकान मालिकों का एक नेटवर्क बनाकर किया गया। इस नेटवर्क ने सहकारी समितियों के साथ मिलकर किसानों के नाम पर बैंक अकॉउंट खुलवाए और फिर MSP की रकम अपनी जेब में डाल ली।

ईडी का कहना है कि ये घोटाला सालों से चल रहा है। 2022 में इस मामले में एफआईआर हुई थी और अक्टूबर 14, 2023 को एक बकीबुर रहमान नाम का व्यापारी गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद इस मामले में पश्चिम बंगाल की मंत्री ज्योति प्रिया मलिक भी गिरफ्तार हुई थीं। आरोप था कि उनके खाद्य मंत्री रहने के कार्यकाल (2011-2021) के दौरान राशन वितरण अनियमितताएँ हुई थीं।

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