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मालदीव के 3 मंत्री बर्खास्त: PM मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी से आया राजनीतिक भूचाल, 2 पूर्व राष्ट्रपतियों ने भी की निंदा

पीएम मोदी पर टिप्पणी परी भारीरविवार का दिन मालदीव की राजनीति के लिए अच्छा नहीं रहा। भारत विरोध के दम पर सत्ता में आए राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू को इस कदर बैकफुट पर आना पड़ा कि उनके अपने ही तीन खास मंत्रियों को बर्खास्त करना पड़ा। खास बात ये है कि अब तक मोइज्जू की चुनावी जीत में इन चेहरों ने अहम भूमिका निभाई थी, जिन्हें पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद बढ़े दबाव के बीच हटाना पड़ा। भारत सरकार नहीं, बल्कि भारतीयों से मिल रही तीखी प्रतिक्रिया को देखते हुए मालदीव की सरकार ने ये कदम उठाया।

भारत ने मालदीव की सरकार के सामने तीन मंत्रियों के विवादित बयानों को लेकर अपनी बात रखी थी। इसके बाद मालदीव की सरकार ने मंत्री मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद को उनके पदों से हटा दिया है। मालदीव के एटोल टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस विवाद को बढ़ाने वाले मंत्रियों को हटा दिया गया है।

मरियम शिउना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्ष्यदीप यात्रा के बाद उनका अपमान किया था। उन्होंने पीएम मोदी को जोकर कहा था और उनका वीडियो शेयर किया था। हालाँकि विरोध बढ़ने पर उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन भारत में विरोध तेजी से बढ़ने लगा। सरकार ने आधिकारिक तौर पर नाराजगी जताई।

भारत के नाराजगी जताने के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने अपमानजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी जारी की थी। फिर एक घंटे बाद ही मरियम शिउना और मालशा शरीफ के साथ-साथ युवा मंत्रालय के एक अन्य उप मंत्री महज़ूम माजिद को निलंबित कर दिया गया। राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने निलंबन की पुष्टि की।

इस मामले में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की प्रतिक्रिया भी सामने आई थी। उन्होंने कहा था कि मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के मंत्रियों द्वारा भारत के खिलाफ इस्तेमाल की जा रही घृणास्पद भाषा की निंदा करता हूँ। भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की कठोर टिप्पणियों को हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भी पीएम मोदी के खिलाफ मरियम शिउना की अपमानजनक टिप्पणी की निंदा की और इसे ‘भयानक भाषा’ बताया। वहीं, पूर्व विदेश मंत्री अहमद अदीब ने लंबा पोस्ट करके मंत्रियों के बयानों की निंदा की।

दरअसल, चीन के समर्थन से भारत विरोधी माहौल बनाकर सत्ता में आए मोहम्मद मोइज्जू को इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि वो जिन भावनाओं को अपने सहयोगियों के नाम पर भड़का रहे हैं, उसमें उनका हाथ खुद ही जल जाएगा। अब तक भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने में लगभग सफल रहे और इंडिया आउट का नारा देकर सत्ता में आए मोइज्जू भारत को आँख ही दिखा रहे थे। उनकी सरकार ने भारत द्वारा दिए गए नौसैनिक डॉर्नियर विमान और उसे मैनेज करने वाली टीम को वापस करने के लिए कहा था।

यही नहीं, मोइज्जू ने भारत से एक सर्वे काम भी छीन लिया था और उसे चीन के हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली थी। लेकिन इस विवाद के बाद अब मोइज्जू बैकफुट पर हैं। इस बार सिर्फ भारत की सरकार ही नहीं, आम लोग भी मोइज्जू के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। मालदीव की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था में अधिकांश हिस्सा भारतीयों का है, ऐसे में भारतीयों ने मालदीव का बहिष्कार शुरू कर दिया, तो देश पर आने वाली तंगहाली को देखते हुए मोइज्जू को अपने मंत्रियों को सस्पेंड करना पड़ा है।

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