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राहुल गाँधी की क्षमताओं पर उठाए सवाल तो चिदंबरम के बेटे को टिकट का काॅन्ग्रेस में विरोध, प्रणब की बेटी का क्या होगा: बोलीं शर्मिष्ठा- परिवार से बाहर देखें

शर्मिष्ठा मुखर्जी, राहुल गाँधी और कार्ति चिदंबरममनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली जिस यूपीए सरकार को सोनिया गाँधी पर्दे के पीछे से हाँकती थीं, उसके दो प्रमुख चेहरे थे। एक, पी चिदंबरम जिन्होंने गृह और वित्त मंत्रालय जैसे महकमे सँभाले। दूसरे, प्रणब मुखर्जी जो बाद में राष्ट्रपति भी बने। अब इन्हीं चिदंबरम के बेटे को लोकसभा चुनाव में टिकट देने का विरोध हो रहा है, क्योंकि उन्होंने राहुल गाँधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि काॅन्ग्रेस में प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा का क्या भविष्य होगा, क्योंकि उन्होंने भी राहुल पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पार्टी को परिवार से बाहर देखने की जरूरत है।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा है कि कॉन्ग्रेस को नेहरू-गाँधी परिवार के बाहर भी नेतृत्व के लिए देखना चाहिए। साथ ही कॉन्ग्रेस की आलोचना करने पर हाशिए पर धकेले जाने को लेकर भी प्रश्न उठाए हैं।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कहा, “कॉन्ग्रेस के लिए इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि राहुल गाँधी 2014 और 2019 में बुरी तरीके से हारे। वे कॉन्ग्रेस का चेहरा थे। दो लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, किसी भी और पार्टी में ऐसा होता क्या? भाजपा में ऐसा होता क्या? किसी नेता के नेतृत्व में पार्टी हार रही है तो पार्टी के लोगों के लिए सोचना जरूरी है कि उनका चेहरा कौन हो।”

उन्होंने कहा, “मैं एक जिम्मेदार नागरिक और कॉन्ग्रेस समर्थक होने के नाते पार्टी के लिए चिंतित हूँ। निश्चित रूप से समय आ गया है कि नेतृत्व के लिए नेहरू-गाँधी परिवार से बाहर भी देखा जाए।” इस दौरान शर्मिष्ठा मुखर्जी ने खुद को कॉन्ग्रेस की पक्की समर्थक बताया। उन्होंने कहा कि लोग भले ही विश्वास ना करें, लेकिन वह कॉन्ग्रेस की समर्थक हैं।

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