Tuesday , April 30 2024

शरद पवार की नहीं रही NCP, लोकसभा चुनाव से पहले झटका; अजित पवार को सिंबल

शरद पवार की नहीं रही NCP, लोकसभा चुनाव से पहले झटका; अजित पवार को सिंबलएनसीपी शरद पवार की रहेगी या अजित पवार की, इसको लेकर चुनाव आयोग ने मंगलवार को फैसला सुना दिया। चाचा और भतीजे की लड़ाई में बाजी भतीजे के हाथ लगी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि अजित पवार गुट वाली एनसीपी ही असली एनसीपी है। 6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद अजीत पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और चिह्न मिला।

वहीं, चुनाव आयोग ने शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं देने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है। रियायत का उपयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक किया जा सकता है। गौरतलब है बीते साल जुलाई में एनसीपी में बगावत हुई थी जब शरद पवार के भतीजे अजित पवार कई विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए थे। उन्होंने भाजपा और शिंदे गुट की शिवसेना सरकार में डिप्टी सीएम का पद संभाल लिया था। उनके साथ एनसीपी के कद्दावर नेताओं छगन भुजबल और प्रफुल्ल पटेल भी चले गए थे। इसके बाद शरद पवार अलग-थलग पड़ गए थे। हालांकि शरद पवार का दावा था कि वह ही असली एनसपीपी हैं। वहीं, पार्टी के 53 में से 30 विधायकों को साथ लेकर अजित पवार खुद को असली एनसीपी बता रहे थे।

अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद एनसीपी प्रमुख और  महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहाकि चुनाव आयोग ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है। हम इसका विनम्रतापूर्वक स्वागत करते हैं। वहीं, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहाकि हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहाकि किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण होता है। हो सकता है कि कल इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में चुनौती दी जाए। इसमें हमें कुछ कहना नहीं है। हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं।

विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया
वहीं, विपक्ष ने इसको लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग द्वारा अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर शिवसेना(यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहाकि मैं बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं। एक व्यक्ति जिस पर 70,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था, आज वह बीजेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं…यह संविधान की अनुसूची 10 की भावना के खिलाफ है।

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