भाजपा इस बार 70 साल से अधिक की आयु वाले नेताओं को सांसदी से बाहर रखने पर विचार कर रही है। हालांकि कुछ अपवाद भी हो सकते हैं।
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल अगले एक महीने में कभी भी बज सकता है। इस बीच भाजपा समेत सभी दल अपने उम्मीदवारों के बारे में भी मंथन करने लगे हैं। सपा ने तो डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव समेत 16 लोगों के टिकट भी फाइनल कर दिए हैं। वहीं भाजपा के टिकटों को लेकर सबसे ज्यादा जद्दोजहद चल रही है। इसकी एक वजह यह है कि भाजपा की ओर से उम्र, प्रदर्शन और सामाजिक समीकरणों के आधार पर टिकट फाइनल किए जा सकते हैं। पिछले दिनों खबर आई थी कि भाजपा इस बार 70 साल से अधिक की आयु वाले नेताओं को सांसदी से बाहर रखने पर विचार कर रही है। हालांकि कुछ अपवाद भी हो सकते हैं।
यदि पार्टी ने 70 प्लस की उम्र वाले नेताओं को बाहर रखने के प्लान पर काम किया तो फिर गाजियाबाद से लेकर देवरिया तक कई दिग्गज नेता रेस से बाहर हो सकता है। गाजियाबाद से 2014 बार से ही सांसद चुने जा रहे वीके सिंह की उम्र 72 साल हो चली है। ऐसे में उनके टिकट पर संशय माना जा सकता है। यहां से रह-रहकर कुमार विश्वास को लेकर भी लोग कयास लगाते रहे हैं। कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी की उम्र भी 76 साल है और बरेली से लगातार चुने जा रहे दिग्गज नेता संतोष गंगवार भी 75 बरस के हो चुके हैं। ऐसे में इन दोनों वरिष्ठ नेताओं की सांसदी पर ब्रेक लग सकता है। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी भी अब 75 साल की हो गई हैं।
प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी की उम्र भी 74 साल है। वह बहुत ज्यादा सक्रिय भी पिछले कुछ समय से नहीं दिख रही हैं। ऐसे में उनका टिकट कटने की भी चर्चाएं हैं। ऐसे ही बहराइच से सांसद अक्षयबर लाल गोंड की उम्र भी 77 साल हो गई है और फिरोजाबाद के सांसद चंद्रसेन जादौन भी 73 के हो चुके हैं। इन दोनों नेताओं के टिकट पर भी संशय हो सकता है। डुमरियागंज के एमपी जगदंबिका पाल और देवरिया से सांसद रमापति राम त्रिपाठी की आयु भी 73 साल हो चुकी है। ऐसे में इन नेताओं की चिंताएं भी बढ़ सकती हैं।
UP में भाजपा की फिर लहर, सपा को कितनी सीटें; क्या कहता है सर्वे
इस बीच आज तक का एक सर्वे आया है, जिसमें यूपी में भाजपा की 70 सीटों पर जीत की भविष्यवाणी की गई है। सर्वे के अनुसार 2024 में यूपी में भाजपा 70 सीटें जीत सकती है, जबकि सपा को 7 सीटें ही मिलने का अनुमान है। भाजपा की ही सहयोगी अपना दल को 2 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिल सकती है। माना जा रहा है कि यह एक सीट भी रायबरेली की है, जो कांग्रेस का गढ़ रही है और खुद सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं।
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