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हल्द्वानी में हिंदू युवक को गोली मार शव पटरी पर फेंका, हथियारों से लैस थे दंगाई: सपा नेता का भाई जावेद गिरफ्तार

हल्द्वानी हिंसाहल्द्वानी हिंसा के बाद वहाँ पुलिस प्रशासन लगातार स्थिति को सामान्य करने की कोशिशों में जुटा है। ज्यादातर जगहों पर हालात नियंत्रित करके कर्फ्यू हटा लिया गया है। लेकिन बनभूलपुरा में अब भी कर्फ्यू लगा है। इस बीच पुलिस ने हिंसा भड़काने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है।

जाँच के दौरान हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक के नाम का भी खुलासा हुआ है। उसी के कब्जे में वो जमीन थी जहाँ से अवैध मस्जिद हटाई गई है। इसके अलावा जाँच में 1 और समाजवादी पार्टी नेता का नाम भी सामने आया है। इनमें एक का नाम अरशद अयूब है। बनभूलपुरा का पार्षद जीशान परवेज भी पुलिस की निगाह में है।

दंगाइयों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू हो गई है। सीसीटीवी की मदद से दंगाइयों की पहचान की जा रही है। ड्रोन से इलाकों में निगरानी रखी जा रही। स्थिति संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात है। इस बीच मीडिया में मृतकों के साथ हुई वीभत्सा को लेकर कई खुलासे हुए हैं। पता चला है कि दंगाई भीड़ सड़कों पर अवैध असलहों के साथ उतरी थी, जिनसे उसने कई निर्दोषों को मौत के घाट उतार दिया। अब उन मृतकों के परिजनों की रोती-बिलखती तस्वीरें आ रही है।

एक वीडियो में महिला रोते हुए बता रही हैं कि उनका बेटा अजय दवाई लेने गया था लेकिन उसे गोली मार दी गई। इसी दंगे में बाजपुर के प्रकाश कुमार को भी तीन गोली लगी जिनको बाद में उठाकर रेलवे पटरी पर फेंक दिया गया। पुलिस ने उनका शव बरामद कर दिया है। अब उसका पोस्टमार्टम होगा।

इसके अलावा बनभूलपुरा में जिन 5 लोगों की मौत हुई, सबकी वजह गोली लगने के कारण ही बताई जा रही है। इनमें कुछ मुस्लिम भी हैं। जिसके कारण एक गिरोह इस खबर को ऐसे फैला रहा है जैसे पुलिस की गोलियों से ये घटना हुई जबकि हकीकत ये है कि दंगे के दौरान अधिकांश पुलिस के पास लाठी-डंडे थे। वहीं दूसरी ओर दंगा करने वालों के पास ईंट-पत्थर, पेट्रोल, अवैध असलहे आदि थे।

पुलिस अब इन दंगाइयों पर सख्त है। 5 लोगों की मौत, 3 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने और कई पुलिकर्मियों के चोटिल होने के मामले में पुलिस ने 3 एफआईआर दर्ज करके पत्थरबाजों की तलाश की जा रही है। खबर ये भी है कि कई लोग पुलिस का सख्त रवैया देख गायब हो रहे हैं। ऐसा देख वन विभाग को आशंका है कि कहीं ये गायब होते लोग आरक्षित वन क्षेत्र या फिर अतिक्रमण वाले इलाकों में छिपने न पहुँच जाएँ।

इसे लेकर गौला रेंज यानी बनभूलपुरा के नजदीकी जंगलों में वन विभाग ने गश्त भी की। हालाँकि कोई संदिग्ध नहीं पकड़ा गया। लेकिन फिर भी वनकर्मियों की टीम ने आंवला चौकी, इंदिरानगर, लालकुआं, बागजाला, गौलापुल, बागजाला से लेकर दानीबंगर तक के जंगलों में गश्त की। रेंजर गौला चंदन अधिकारी ने बताया कि वन क्षेत्र की सुरक्षा और संदिग्धों की घुसपैठ रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएँगे।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसा के बाद वन विभाग भी अपनी एक बार फिर अतिक्रमण के खिलाफ अपनी रिपोर्ट बना रहे हैं। उन्होंने पूर्व में भी ऐसा प्रयास किया था लेकिन बीच में कार्रवाई रुक गई। मगर सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि इस हिंसा के बाद फिर से अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए रिपोर्ट तैयार होने लगी है।

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