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डीएम के सामने खुली तहसीलदार के अर्दली की पोल, फर्जी तरीके से कर रहा था नौकरी, मीटिंग के बीच से भेजा गया जेल

देवरिया पुलिस की गिरफ्त में अर्दली देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में डीएम (DM) ने संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान फर्जी अर्दली को पकड़ा है. वह लंबे समय से बरहज तहसीलदार का अर्दली बनकर काम कर रहा था. अर्दली शासन सत्ता का प्रतीक माना जाता है, जो मजिस्ट्रेट व मंत्री के पीछे खड़ा रहता है और सफेद कपड़े और टोपी पहने रहता है.

दरअसल, बीते दिन तहसील दिवस में एक व्यक्ति ने अर्दली द्वारा 10 हजार की रिश्वत मांगने की शिकायत की तो तत्काल अर्दली को सामने बुलाया गया. जब DM ने अर्दली से पूछताछ करनी शुरू की तो उसने रिश्वत मांगने से इनकार कर दिया. इसपर DM ने पूछा कि तुम्हारी नियुक्ति कब हुई, किसने की, ये सुनकर अर्दली हक्का-बक्का रह गया. उसने बताया कि वह अर्दली नहीं बल्कि प्राइवेट व्यक्ति है.

जिसपर उसे तत्काल पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया. इतना नहीं बरहज के SDM और तहसीलदार से इस मामले में स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. डीएम के एक्शन के बाद मीटिंग के बीच हड़कंप मच गया.

जानिए पूरा मामला 

गौरतलब है कि बीते मंगलवार को देवरिया के बरहज तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था. DM अखंड प्रताप सिंह और SP संकल्प शर्मा फरियादियों की समस्या सुन रहे थे. इस बीच बरहज नगर पालिका क्षेत्र के नंदना वार्ड (पूर्वी) के रहने वाले रामायण प्रसाद ने शिकायत की कि वह धारा-34 के निपटारे के लिये कई बार तहसील दिवस पर प्रतिवेदन दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. उल्टे मामले के समाधान के लिए तहसीलदार के अर्दली राजेश कुमार द्वारा 10 हजार रुपये की मांग की गई है.

ये शिकायत सुनते ही डीएम का पारा चढ़ गया. उन्होंने तत्काल अर्दली को तलब किया और उससे पूछताछ शुरू कर दी. पूछताछ में पता चला कि अर्दली प्राइवेट व्यक्ति है. उससे गैरकानूनी तरीके से अर्दली का काम लिया जा रहा है. जिसके बाद डीएम ने तत्काल कथित अर्दली को पुलिस कस्टडी में देते हुए मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया.

इसके अलावा DM ने SDM बरहज अवधेश निगम और तहसीलदार अरुण कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा है कि प्राइवेट आदमी से क्यों अर्दली का काम लिया जा रहा था.

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