पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण को लेकर विरोध प्रदर्शन के स्वर और आक्रामक होते जा रहे हैं। अब इस मामले में ‘राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST)’ ने भी पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी किया है। साथ ही संस्था के उपाध्यक्ष अपनी टीम के साथ क्षेत्र का दौरा करेंगे। NCST ने स्पष्ट किया है कि आयोग इस मामले की जाँच करेगा। साथ ही CS और DGP से जवाब माँगा गया है कि इस मामले में की गई कार्रवाइयों से वो अवगत कराएँ।
इन दोनों ही अधिकारियों से कहा गया है कि अगर उन्होंने तय समयसीमा में जवाब नहीं दिया तो उन्हें तलब किया जा सकता है। ये नोटिस मंगलवार (20 फरवरी, 2024) को जारी किया गया। संदेशखाली मामले में मुख्य अभियुक्त TMC नेता शाहजहाँ शेख है, जो फ़िलहाल फरार है। ‘दैनिक भास्कर’ की ग्राउंड रिपोर्ट में एक महिला ने बताया कि ये सब 13 साल से चल रहा था। जो भी महिला उन्हें सुंदर लगती, उसे उठा लिया जाता था और जितने दिन मन हो उतने दिन अपने पास रखते थे।
#Sandeshkhali: Adivasi women were allegedly sexually exploited by Sheikh Shahjahan.
National Comission for Schedule Tribes (NCST) issues notice on #SandeshkhaliHorror to Bengal chief secretary and DGP.
NCST vice chairperson and a team will visit the spot tomorrow. pic.twitter.com/qlERp1146g
— Nishant Azad/निशांत आज़ाद🇮🇳 (@azad_nishant) February 21, 2024
एक महिला ने बताया कि वो नहीं गई तो उसके पति को उठा लिया गया और मारा-पीटा गया। ये इलाका बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहाँ से अभिनेत्री नुसरत जहाँ सांसद हैं। इलाके में ऐसे संवेदनशील और गंभीर माहौल होने के बावजूद वो यॉट पर वैलेंटाइन्स डे मनाती हुई देखी गईं। वहीं TMC के ही सुकुमार महतो यहाँ से विधायक हैं। शाहजहाँ शेख के दोनों शागिर्द शिबू हाजरा और उत्तम सरदार गिरफ्तार किए जा चुके हैं। संदेशखाली के पात्रोपाड़ा में महिलाओं का प्रदर्शन जारी है।
शाहजहाँ शेख राशन घोटाले में भी आरोपित है। इसी मामले में ED उसे गिरफ्तार करने पहुँची थी, लेकिन उसके समर्थकों ने प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हमला बोल दिया। एक महिला ने बताया कि TMC के दफ्तर में बैठक होती थी और उसमें जो नहीं जाता था उससे मारपीट की जाती थी। बैठक के बाद मर्दों को घर भेज दिया जाता था, महिलाओं को रख लिया जाता था और उनके साथ गलत हरकतें की जाती थीं। 18-40 साल तक की उम्र की महिलाओं को शिकार बनाया जाता था।
यौन शोषण की लगभग 30 शिकायतें हैं, जिसमें एक FIR ही दर्ज की गई थी। सामाजिक कार्यकर्ता पियाली दास केस दर्ज कराने में इन महिलाओं की मदद कर रही हैं। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को इलाके में जाने से पुलिस रोक रही थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद वो यहाँ पहुँचे। उन्होंने महिलाओं से बात कर के कहा कि उनके अनुभव रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कह रही हैं कि सब भाजपा का किया-धरा है। सरकार मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही है।