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सत्संग में भगदड़, 100 से ज्यादा लोगों की मौत, कल हाथरस जाएंगे CM योगी

हाथरस के रतिभानपुर में भोले बाबा के सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मच गई. इस घटना में 107 लोगों की मौत हो गई. कमिश्नर अलीगढ ने बताया की अब तक 107 लोगों की मौत हो गई है. घटना में 18 घायलों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. ये एक निजी कार्यक्रम था, जिसके लिए आयोजकों ने एसडीएम से अनुमति ली थी.

पीड़ित परिवारों के लोगों से जानकारी लेते पुलिसकर्मी.उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. भगदड़ मचने से 107 लोगों की मौत हो गई है. कमिश्नर अलीगढ ने अब तक 107 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि हादसे में 18 लोग घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

PAC और SDRF की टीमें रवाना

हाथरस के सिकंदराराऊ के पास सत्संग में हुई भगदड़ की घटना के बाद राहत और बचाव कार्य के लिए पीएसी की तीन कंपनी और एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना की गई हैं.

सत्संग में भगदड़ मचने की घटना पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने घटना पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, हाथरस में हुई दुखद भगदड़ से बहुत दुखी हूं, जिसमें 100 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए. उन परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.’

सिकंदराराऊ पुलिस ने भी जारी किए हेल्पलाइन नंबर

हाथरस के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस प्रशासन ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9259189726 तथा 9084382490 जारी किए हैं.

हादसें में 107 लोगों की मौत

कमिश्नर अलीगढ ने बताया कि अब तक 107 लोगो की मौत हो गई है 18 घायलों का इलाज जारी है.

बुधवार को हाथरस जाएंगे सीएम योगी

हाथरस में सत्संग में भगदड़ मच गई. इस हादसे में 100 ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है. सीएम योगी घटनास्थल का निरीक्षण करने के लिए कल बुधवार को हाथरस जाएंगे, जहां सीएम पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे. सीएम के साथ मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद भी वहां मौजूद रहेंगे.

वहीं, चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी आज हाथरस में ही रुकेंगे और कल सीएम के वहां पहुंचने पर अपनी ऑब्जरवेशन रिपोर्ट देंगे. साथ ही कल ही एडीजी आगरा जोन और कमिश्नर अलीगढ़ मंडल को भी अपनी आधिकारिक रिपोर्ट सौंपनी है.

जिला प्रशासन ने किया हेल्पलाइन नंबर

हाथरस के जिला प्रशासन ने घटना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आम लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं.

घटना पर ये बोले हाथरस के सांसद

हाथरस के सांसद अनूप प्रधान ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि मैं सदन के अंदर था, क्योंकि सदन की कार्रवाई चल रही है. प्रधानमंत्री ने जब इस घटना का जिक्र किया तो ये मामला मेरे संज्ञान में आया और अब मैं यहां से निकल कर मौके पर जा रहा हूं. मेरी डीएम और एसएसपी से बात हुई है. इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई है. मुझे तो पता चला है कि सत्संग में भगदड़ मच गई थी.

उपराष्ट्रपति ने जताया दुख

हाथरस की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाथरस में दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में लोगों की मौत के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ. मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.

हाथरस के डीएम आशीष कुमार के अनुसार, एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ से लगभग 50-60 लोगों की मौत हो गई है. ये एक निजी कार्यक्रम था, जिसके लिए आयोजकों ने एसडीएम से अनुमति ली थी.

वहीं, सीएचसी का कहना है कि इस घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 50-60 हो गई है. मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.

प्रशासन की कमजोरी से हुआ हादसा: आयोजक

सत्संग पर आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने आजतक से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम कराया था. कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन मौजूद थे. जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ मच गई. ये हादसा प्रशासन की कमजोरी की वजह से हुआ है. कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था. मैं भंडारे का काम देख रहा था.

उन्होंने बताया कि हाथरस में ये कार्यक्रम 13 साल बाद हुआ है. हमारे पास 3 घंटे की परमिशन थी. 1.30 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद घटना हुई है. प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के कार्यक्रम में आने की जानकारी दी गई थी. जहां इंतजाम किए गए थे, वहां बहुत भीड़ थी. कार्यक्रम में 12 से साढ़े 12 हजार सेवादार थे. हमने इतने स्तर पर पूरे इंतजाम किए थे. एंबुलेंस नहीं थी. कार्यक्रम खत्म हुआ तो एक साथ भागने लगे और भगदड़ मची. बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे थे.

शवों की जा रही है पहचान: पुलिस

एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि  हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, तभी भगदड़ मच गई. एटा अस्पताल में कई लोगों के शव पहुंच चुके हैं, जिनमें महिलाएं, बच्चे और व्यक्ति के शव शामिल हैं. अभी तक कोई भी घायल अस्पताल नहीं पहुंचा हैं. इन सभी शवों की पहचान की जा रही है. इस घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की एक टीम गठित की गई है.

एटा के मेडिकल कॉलेज के जिला चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने बताया कि सिकंदराराऊ के पास एक सत्संग या महोत्सव चल रहा था. इसी दौरान वहां भगदड़ मच गई. इस हादसे में कई लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. मरने वालों में महिलाओं और पुरुष शामिल हैं. सीएमओ का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि लगातार घायल लोग अस्पताल ला जा रहे हैं.

CM ने दिया घटना की जांच के निर्देश

इस घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ऑफिस ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.

सरकार के दो मंत्री घटनास्थल के लिए रवाना

वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, मुख्य सचिव के साथ डीजीपी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं.

सत्संग के बाद मची भगदड़: पीड़ित

एक महिला ने बताया कि हम दर्शन करने आए थे. बहुत भीड़ थी. जब भगदड़ मची तो मैं और मेरा बच्चा भी भीड़ के नीचे आ गया. अपनी घायल मां के साथ अस्पताल पहुंची एक युवती ने बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद भगदड़ मच गई. हम लोग खेत के ओर से निकल रहे थे, तभी अचानक भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे कई लोगों नीचे दब गए. हमारे साथ एक और शख्स आए थे. उनकी मौत हो गई है.

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