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‘पंडाल से गुरुजी की कार निकली, लोग उनके पैर छूने के लिए दौड़े और…’, हाथरस भगदड़ के पीड़ितों की आंखों देखी

प्रत्यक्षदर्शी रामदास ने बताया कि वह अपनी पत्नी को दवा दिलाने के लिए अलीगढ़ लेकर गए थे. वहां से लौटकर सत्संग में शामिल होने के लिए आए. रामदास सेवादारों के पास बाहर बैठ गए, जबकि उनकी पत्नी सत्संग में अंदर चली गईं और हादसे का शिकार हो गईं.

हाथरस हादसे के बाद करुण क्रंदन करतीं महिलाएं (फोटो- पीटीआई)हाथरस के पुलराई गांव में मंगलवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे दर्दनाक हादसा हुआ. यहां भोले बाबा नामक शख्स के सत्संग में भगदड़ मच गई. इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि खेत में सत्संग का पंडाल लगा हुआ था. सत्संग का समापन होने के बाद गुरुजी की कार निकली. उनके पैर छूने के लिए लोग दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई. कई लोग गिर गए और उन पर चढ़कर लोग निकलने लगे.

रामदास ने बताया कि हम पंडाल से दूर बैठे थे, हमने देखा कि अचानक से भीड़ निकली, करीब डेढ़ से 2 लाख लोगों की भीड़ थी. 50 से 60 बीघा का खेत था, जिसमें पंडाल लगा था. पूरा रोड जाम था. उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी की भोले बाबा में आस्था थी. हाथरस में हुए हादसे में राहत कार्य के लिए पीएसी की तीन कंपनियां और SDRF की एक कंपनी मौके पर रवाना की गई है.

पीटीआई के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस का दौरा कर सकते हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यूपी के मुख्यमंत्री चौबीसों घंटे स्थिति का जायजा ले रहे हैं. यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं. घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ मंडलायुक्त की एक टीम गठित की गई है. यूपी सरकार ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर सौंपी जानी है. बयान में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ तीन मंत्रियों, मुख्य सचिव और डीजीपी के लगातार संपर्क में हैं और उन्हें मौके पर भेजा है. सरकारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.

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