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पेपर लीक माफिया और सुभासपा विधायक बेदीराम की जल्द होगी गिरफ्तारी, कोर्ट ने पुलिस से कहा-पकड़ कर लाओ

लखनऊ की कोर्ट ने सुभासपा विधायक बेदीराम सहित 19 आरोपियों को गैर जमानती वारंट जारी किया है. कोर्ट ने पुलिस को 26 जुलाई तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.

लखनऊ/गाजीपुर। यूपी में सत्ताधारी दल बीजेपी की सहयोगी पार्टी सुभासपा के विधायक बेदीराम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. राजधानी की गिरोहबंद अधिनियम कोर्ट के जज ने रेलवे पेपर लीक मामले में शामिल बेदीराम समेत 19 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. कृष्णानगर पुलिस को 26 जुलाई तक वारंट को तामील करने का आदेश दिया है. पुलिस अब आदेश की कॉपी का इंतजार कर रही है. आदेश की कॉपी मिलते ही बेदीराम समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करेगी. इस मामले में ओपी राजभर ने बेदीराम को सपा खेमे का बताते हुए पल्ला झाड़ लिया है.

दरअसल, 26 जुलाई वर्ष 2006 को तत्कालीन एसटीएफ के एएसपी राजेश पांडेय की टीम ने मौजूदा सुभासपा विधायक बेदीराम, निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे, संजय श्रीवास्तव, मनोज कुमार मौर्य, कृष्ण कुमार, राम कृपाल सिंह, शैलेश कुमार सिंह, भद्रमणि त्रिपाठी, आनंद कुमार सिंह, कृष्णकांत, धर्मेंद्र कुमार, रमेश चंद्र पटेल, मोहम्मद असलम, अवधेश सिंह, सुशील कुमार और अख्तर हुसैन को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसटीएफ ने कृष्णानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें दावा किया गया था इन आरोपियों के पास से रेलवे भर्ती ग्रुप डी के 26 फरवरी 2006 की परीक्षा से संबंधित प्रश्न पत्र बरामद हुए हैं. कोर्ट में चल रहे इस केस के दौरान बेदीराम समेत सभी आरोपी पेशी पर नहीं उपस्थित हो रहे थे. जिसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. कृष्णानगर एसीपी विनय द्विवेदी ने कहा कि अभी फिलहाल कोर्ट का आदेश नहीं मिला है. जैसे ही आदेश मिलता है आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.

गाजीपुर की जखनियां से सुभासपा विधायक बेदीराम ने कोर्ट से एनबीडब्लू जारी होने के बाद कहा कि ये बहुत पुराना केस है, इसमें 18 आरोपी हैं. बेदी राम ने दावा किया कि मैं और मेरे वकील हमेशा कोर्ट जाते हैं. कुछ आरोपी कोर्ट में नही उपस्थित हो रहे थे. ऐसे में कोर्ट ने हाजिर होने के लिये एनबीडब्लू जारी किया है. उन्होने कहा कि 26 जुलाई को इस केस में चार्ज बनना है. वहीं, वायरल वीडियो पर भी बेदीराम ने कहा कि वह डीप फेक वीडियो है, एआई तकनीक से बनाया गया है. नीट पेपर लीक में मेरा नाम नहीं है. मैं दलित विधायक हूं, इसलिये विपक्ष मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम कर रहा है. मेरी गिरफ्तारी की गलत खबर चलायी गयी. मेरे सभी केस झूठे हैं. ओमप्रकाश राजभर के बयान के सवाल पर बेदी राम ने कहा कि उन्होंने सही कहा है टिकट समाजवादी पार्टी के उदयवीर ने दिलाया था. सुभासपा के अध्यक्ष हमारे साथ हैं. ओमप्रकाश राजभर के नौकरी दिलाने के बयान पर कहा कि उन्होंने ये मजाक में कहा था.

स्टिंग में आया विधायक बेदीराम का नाम सामने
बीते दिनों एक निजी चैनल ने पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना बिजेंद्र गुप्ता का स्टिंग ऑपरेशन किया था. स्टिंग के दौरान जब बिजेंद्र से पूछा गया कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा पेपर लीक मास्टरमाइंड वह किसे मानता है, तब उसने जौनपुर के बेदीराम का नाम लिया. बेदीराम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के जखनिया सीट से विधायक हैं और पार्टी सुप्रीमो ओपी राजभर के बेहद करीबी माने जाते हैं. बिजेंद्र गुप्ता के स्टिंग के बाद सोशल मीडिया में एक के बाद एक कई और वीडियो वायरल हुए. हालांकि इस बार वीडियो खुद बेदीराम का था, जिन्हें अभ्यर्थियों ने वायरल किया था, जिनका पैसे देने के बाद भी भर्ती में सिलेक्शन नहीं हुआ था. वीडियो में विधायक बेदीराम कह रहे थे कि वो पैसा लेकर परीक्षा पास करवाते हैं. पेपर लीक करा देते हैं. रिजल्ट भी बदलवा देते हैं.

बिजेंद्र गुप्ता और बेदीराम के स्टिंग के बाद एक और वीडियो वायरल हुआ. यह वीडियो खुद ओपी राजभर का था, जिसमें वह बेदीराम के अपराधों की महिमामंडन करते हुए दिखे थे. राजभर ने कहा था कि किसी विभाग में आपके भाई, बहन, बच्चों को नौकरी चाहिए तो फार्म भरने के बाद एडमिट कार्ड आ जाए तो कॉल कर लेना. निश्चित है जुगाड़ बना देंगे. बेदी राम की ओर इशारा करते हुए कहा था कि देखने में ऐसे लग रहे हैं. इनके कम से कम कई लाख चेला लोग नौकरी कर रहे हैं. सभी को नौकरी इन्होंने दिया है. आप लोग मेहनत कर रहे हो तो आपको भी नौकरी चाहिए या नहीं. बेदी राम जी नौकरी दिलाने में माहिर हैं.

बेदीराम का स्टिंग बाहर आते ही ओपी राजभर बेदीराम को फंसाने की साजिश करार दे रहे थे. इसी बीच पहले सीएम योगी आदित्यनाथ और फिर गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें तलब कर लिया था. अब राजभर कह रहे हैं कि बेदी राम के कोर्ट में सुनवाई की हमें कोई जानकारी नहीं है. समाजवादी पार्टी ने बेदी राम को हमारे पास भेजा था. विधानसभा चुनाव के वक्त बेदी राम समेत कई नेताओं को समाजवादी पार्टी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़वाया था.

बता दें कि जखनिया से विधायक बेदीराम भारतीय रेलवे में टीटीई के पद पर तैनात थे. इसी दौरान उसने रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की 2006 की समूह ग की भर्ती परीक्षा, 2008 में लोको पायलट की परीक्षा, 2009 में भोपाल व जयपुर में रेलवे की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक करवाया. जिसके बाद बेदीराम को रेलवे की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और फिर उसे गिरफ्तार भी किया गया. इसके बाद बेदीराम ने 2012 में छत्तीसगढ़ सीपीएमटी परीक्षा का पेपर लीक करवाया, जिसमें वह जेल गया. इसके बाद मेडिकल प्री परीक्षा का पर्चा लीक कराने में सीबीआई ने उसे गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं एमपी में भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करवा चुका है. वर्ष 2014 में एमपी आयुर्वेद मेडिकल परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. जिसके बाद पकड़े गए अभ्यर्थियों ने बेदीराम का नाम बताया था.

बेदीराम की क्राइम कुंडली
बेदीराम ने 2022 के विधान सभा चुनाव में दिए गए हलफनामा में भोपाल समेत कई शहरों में कुल 9 मुकदमों का जिक्र किया है. वर्ष 2006 में कृष्णानगर, 2008 में गोमतीनगर, वर्ष 2009 में राजस्थान में केस दर्ज हुए. एसटीएफ भोपाल ने वर्ष 2014 में दो केस, 2014 में आशियाना, लखनऊ, 2010 में मड़ियाहूं और 2021 में जलालपुर जौनपुर में मुकदमा दर्ज कराया था. इतना ही नहीं उसके खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रवाई हो चुकी है.

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