डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दूसरे ही दिन चीन को झटका दे दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐलान किया है कि वह चीन के खिलाफ 10 फीसदी टैरिफ लगाएंगे. यह टैरिफ 1 फरवरी से लागू होगा.
ट्रंप ने चीन को बड़ा झटका दिया है
ट्रंप ने 10 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया
यह टैरिफ 1 फरवरी से लागू होगा
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने के तुरंत बाद चीन के खिलाफ किसी तरह का टैरिफ नहीं बढ़ाया था. इससे ऐसा लग रहा था कि चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर नहीं होगी. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी इससे राहत महसूस हुई होगी. लेकिन एक दिन बाद ही डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ टैक्स का चाबुक चलाने का ऐलान किया है. मंगलवार को ट्रंप ने चीन पर और भी ज्यादा टैरिफ लगाने की धमकी दी है. चीन अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक 1 फरवरी के बाद से चीन से आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर 10 फीसदी का टैक्स लगाने का विचार किया जा रहा है.
हालांकि चीन को 10 परसेंट टैरिफ राहत ही मानना चाहिए. क्योंकि ट्रंप ने अपने पड़ोसियों कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की धमकी दी है. हालांकि ट्रंप की टैरिफ नीति में इतनी तेजी से बदलाव क्यों आया है यह अभी साफ नहीं है. ट्रंप ने अपने चुनाव के दौरान चीन से आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर 60 फीसदी टैक्स लगाने का वादा किया था. मंगलवार को उन्होंने कहा बड़े पैमाने पर फेंटानिल (ड्रग्स) मेक्सिको और कनाडा से अमेरिका में आ रहा है. टैरिफ की धमकी से चीन इन घातक ड्रग्स पर कार्रवाई कर सकता है.
क्यों चीन पर भड़के हुए हैं ट्रंप?
ट्रंप ने कहा, ‘मैंने हाल ही में राष्ट्रपति शी से इस बारे में बात की थी. मैंने कहा, हमें हमारे देश में इस तरह का बकवास नहीं चाहिए. इसे रोकना पड़ेगा. हम चीन पर 10 फीसदी का टैरिफ लगाने की बात कर रहे हैं, क्योंकि वे फेंटानिल को मेक्सिको और कनाडा भेज रहे हैं.’ ट्रंप ने मंगलवार को एक आम धारणा दोहराते हुए कहा कि उनके पहले कार्यकाल में चीन से एक समझौता हुआ था. इसके तहत चीन अमेरिका में नशीली दवाओं की तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर तस्करों को मौत की सजा देने पर सहमत हुआ था. ट्रंप ने आगे कहा कि बाइडन ने इस प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि ट्रंप ने टैरिफ से बचने के लिए चीन को ड्रग तस्करों को फांसी देने का ऑफर नहीं दिया है.
टैक्स लगाने की क्यों दे रहे धमकी
ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें वाणिज्य और वित्त विभाग के सचिवों और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों को निर्देश दिया गया था कि वे अमेरिका के व्यापार घाटे के कारणों का पता लगाएं. इस आदेश में अमेरिकी-मेक्सिको-कनाडा व्यापार समझौते (USMCA) की समीक्षा करने और यह आकलन करने के लिए भी कहा गया कि सख्त व्यापार नीति फेंटानिल की तस्करी और अवैध प्रवास को कैसे रोक सकती है. हालांकि आदेश में टैरिफ बढ़ाने का उल्लेख नहीं था. ट्रंप की टीम टैरिफ लगाने के सबसे अच्छे तरीकों को खोज रही है.