महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 19 फरवरी को 2 बजे तक 56.25 करोड़ लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने कहा, “जब हम सनातन धर्म, मां गंगा, भारत या महाकुंभ के खिलाफ कोई निराधार आरोप या फर्जी वीडियो बनाते हैं तो यह इन 56 करोड़ लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है।”
प्रयागराज महाकुंभ अपने अवसान पर है। दुनिया का सबसे बड़ा समागम कुंभ सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक केंद्र बनकर भी उभरा है। कुंभ के लगभग 40 दिनों में लगभग 3 लाख करोड़ रुपए (360 अरब अमेरिकी डॉलर) का कारोबार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसकी जानकारी अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) ने दी है।
CAIT के महासचिव और चाँदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कुंभ ने आस्था और अर्थव्यवस्था के बीच संबंध स्थापित कर दिया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के कारण स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है, क्योंकि महाकुंभ थीम पर आधारित उत्पादों जैसे डायरी, कैलेंडर, जूट बैग और स्टेशनरी की माँग में भारी वृद्धि हुई है। सावधानीपूर्वक ब्रांडिंग के कारण बिक्री में वृद्धि हुई है।
खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ के शुरुआत होने से पहले प्रारंभिक अनुमानों में 40 करोड़ लोगों के आने और लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने का अनुमान लगाया गया था। हालाँकि, 40 दिनों में महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 18 फरवरी तक 56 करोड़ पहुँच चुकी है। महाकुंभ 26 फवरी तक है। ऐसे में यह आँकड़ा कम से कम 60 करोड़ पहुँचने का अनुमान है।
श्रद्धालुओं की इस आँकड़े के साथ ही कारोबार भी 3 से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके कारण उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त वृद्धि हुई है और रोजगार के नए साधन भी पैदा हुए हैं। खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ के कारण कई व्यावसायिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियाँ देखी गई हैं, जिनमें आतिथ्य और आवास, खाद्य और पेय क्षेत्र, परिवहन और रसद प्रमुख हैं।
इसके अलावा, धार्मिक पोशाक, पूजा सामग्री, हस्तशिल्प, वस्त्र, अन्य उपभोक्ता सामान, स्वास्थ्य देखभाल एवं कल्याण सेवाएँ, मीडिया, विज्ञापन एवं मनोरंजन, नागरिक सेवाएँ, दूरसंचार, मोबाइल, एआई-आधारित तकनीक, सीसीटीवी कैमरे और अन्य उपकरण आदि से संबंधित व्यवसायिक क्षेत्रों के कारोबार में भारी उछाल देखने को मिला है।
खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ से संबंधित आर्थिक फायदा सिर्फ प्रयागराज तक ही सीमित नहीं है। इसका असर प्रयागराज के 150 किलोमीटर क्षेत्र की परिधि में देखने को मिला है। इसके अलावा, अयोध्या, काशी, मथुरा, विंध्याचल में श्रद्धालुओं के जाने के कारण इन शहरों एवं उसके आसपास के इलाकों में भी भारी आर्थिक गतिविधियाँ हुई हैं, जिसका फायदा लोगों और सरकार को हुआ है।
खंडेलवाल के अनुसार, महाकुंभ ने भारत में व्यापार, वाणिज्य, कारोबार, सांस्कृतिक क्षेत्र में एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को लेकर प्रयागराज में फ्लाईओवर, सड़कों और अंडरपास के सुधार के लिए 7500 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इनमें से 1,500 करोड़ रुपए महाकुंभ व्यवस्था के लिए निर्धारित किए गए थे।
#WATCH | Lucknow: In the UP assembly, CM Yogi Adityanath says, "While we are participating in the discussion here, at that time more than 56.25 crore devotees have already taken their holy dip in Prayagraj… When we make any baseless allegations or snow fake videos against… pic.twitter.com/VYNnzPn4w1
— ANI (@ANI) February 19, 2025
महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 19 फरवरी को 2 बजे तक 56.25 करोड़ लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने कहा, “जब हम सनातन धर्म, मां गंगा, भारत या महाकुंभ के खिलाफ कोई निराधार आरोप या फर्जी वीडियो बनाते हैं तो यह इन 56 करोड़ लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है।”
भगदड़ में हुई मौत को लेकर सीएम योगी ने कहा, “महाकुंभ के सात दिन बचे हैं। हमारी संवेदनाएँ उन सभी लोगों के साथ हैं, जो 29 जनवरी को भगदड़ के शिकार हुए। हम उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने कुंभ के लिए यात्रा करते समय सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गँवाई। हमारी संवेदनाएँ परिजनों के साथ हैं। सरकार उनके साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव मदद करेगी। इस पर राजनीति करना उचित नहीं है।”