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अयोध्या में भगवान राम का जन्मोत्सव, 4 मिनट तक सूर्य तिलक और मंदिर में गूंजे घंटा-घड़ियाल और शंख

अयोध्या में राम जन्मोत्सव का उल्लास है.आज रामनवमी का त्योहार है और अयोध्या में जश्न का माहौल है. प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव के उल्लास में रामनगरी डूब चुकी है. दोपहर 12 बजे से राम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. दुनियाभर से जुड़े श्रद्धालुओं ने श्रीराम लला का सूर्य तिलक देखा. इससे पहले सुबह 9:30 बजे भगवान रामलला का विशेष अभिषेक हुआ, जो पूरे एक घंटे तक चला. इसके बाद उनका भव्य श्रृंगार किया गया. सूर्याभिषेक का प्रसारण पूरी दुनिया ने देखा.

इससे पहले राम मंदिर के साथ-साथ अयोध्या के तमाम मंदिरों को फूलों से सजाया गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं. राम की नगरी की भव्यता अलग ही लग रही है. सुबह 9.30 बजे से जन्मोत्सव के कार्यक्रम शुरू किए गए. सबसे पहले राम लला का अभिषेक हुआ.

राम मंदिर में यह द्वितीय जन्मोत्सव है. सुबह 10.30 बजे से एक घंटे तक भगवान राम का श्रृंगार हुआ. उसके बाद प्रसाद लगाया गया. दोपहर 12 बजे राम लला का जन्मोत्सव शुरू हो गया. मंदिर में पूजन-अर्चन-आरती और सूर्य तिलक हुआ. इससे पहले शनिवार को सूर्य तिलक का ट्रायल कराया गया. जन्मोत्सव का सीधा प्रसारण भी किया गया. अयोध्या के सभी प्रवेश द्वारों से लेकर राम मंदिर समेत पूरे राम जन्मभूमि परिसर का दृश्य आलौकिक प्रतीत हो रहा है. दोपहर 12 बजे रघुकुल में रामलला के जन्म लेते ही उल्लास अपने चरम पर पहुंच गया.

राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आज प्रात:काल भगवान राम का अभिषेक किया गया. सुबह 9.30 बजे से 10.30 बजे तक भगवान का श्रृंगार हुआ. उसके बाद प्रसाद लगा. चैत्र शुक्ल की नवमी पर दोपहर 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया. पहले जन्म की आरती की गई. भगवान को 56 प्रकार के भोग लगाए जा रहे हैं.

चूंकि राम सूर्यवंशी अर्थात भगवान राम ने सूर्य वंश में जन्म लिया. दोपहर 12 बजे जब राम का जन्म हुआ तो भुवन भास्कर सूर्य ने राम लला के ललाट पर अपनी किरणों से तिलक लगाया. इसे सूर्य तिलक कहते हैं. ये प्रयोग पिछले साल भी किया गया था और सफल रहा था.

अयोध्या

4 मिनट तक सूर्य की किरणें लगाएंगी ललाट पर तिलक

लगभग 4 मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर प्रकाशित हुईं. टीवी चैनल पर इसका सीधा प्रसारण गया. दुनियाभर के रामभक्तों ने दोपहर 12 बजे सूर्य तिलक देखा और आनंद लिया. ये सारा प्रयोग पूर्णत: वैज्ञानिक है. इसरो के वैज्ञानिकों ने इसे डेवलप किया है. राम जन्म भूमि मंदिर में 1 लाख मंत्रों के आयोजन से शुरुआत हुई है. बधाई गीत भी सुनाए जाएंगे. अंगद टीला पर कथा, श्रीराम चरित मानस और वाल्मीकि रामायण के पारायण समेत राम मंदिर में अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

एक लाख श्री राम मंत्रों का जाप

इस आयोजन को दिव्य बनाने के लिए 10 विद्वान पंडित एक लाख श्रीराम मंत्रों का जाप कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रतिदिन तीन घंटे तक हवन किया जा रहा है, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय और पावन हो गया है. इस ऐतिहासिक क्षण को हर भक्त तक पहुंचाने के लिए अयोध्या के विभिन्न स्थानों पर LED स्क्रीन लगाई गई हैं. विशेष LED वैन के माध्यम से भी इस दृश्य का सीधा प्रसारण किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु जहां भी हों, इस अलौकिक क्षण के साक्षी बन सकें.

अयोध्याश्रद्धालुओं के लिए इंतजाम

गर्मी का समय है, ऐसे में पेयजल की व्यवस्था और शुद्ध जल की व्यवस्था की गई है. आने वाले श्रद्धालुओं को पानी की बोतल की व्यवस्था भी की गई है. हनुमानगढ़ी के आसपास टेंपरेरी टेंट की व्यवस्था है ताकि लोगों को धूप में खड़े होना ना पड़े. उनके सिर पर छाया हो. जगह-जगह कूलर की भी व्यवस्था की गई है.

अयोध्या में हर जगह-जगह मैट भी बिछाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को गर्मी में ज्यादा देर खड़े होने से दिक्कत न हो. स्वच्छता की व्यवस्था लगातार अयोध्या में रखी गई है. डेकोरेटिव लाइफ से पूरा अयोध्या को सजा कर रखी गई है. रामनवमी अयोध्या के सबसे सांस्कृतिक महत्व उत्सव में है.

अयोध्या

भीड़ के कारण निकासी द्वार गेट नंबर 3 का उपयोग किया जाएगा. रामनवमी पर अभी रोज लगभग 1 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं. रामनवमी पर अनुमान लगाया जा रहा है कि श्रद्धालुओं की संख्या 25 से 30 लाख की होगी. इसको देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है ताकि उनको दिक्कत ना हो. गर्मी से भी बचने के लिए उपाय किए गए हैं. प्रशासन ने भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं.

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