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वेव सिटी के विकास कार्यों में बाधा पहुंचा रहे हैं कुछ बाहरी किसान नेता

— समझौते की शर्तों को नहीं मानने का बना रहे हैं दबाव

— वेव सिटी में जाकर फैला रहे हैं अराजकता

— किसानों के नाम पर सड़क जाम और कर्मचारियों से कर रहे हैं अभ्रदता

गाजियाबाद। देश की सर्वेश्रेष्ठ हाईटेक सिटी बनने जा रही वेव सिटी के विकास कार्यों में कुछ तथाकथित किसान नेता लगातार बाधा पहुंचा रहे हैं। यहां तक की समझौतों की शर्तों को भी ये किसान नेता मानने को तैयार नहीं हैं। वेब सिटी में जाकर लोगों को डराने—धमकाने से लेकर जबरन रोड जाम करना, कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ करना इनकी आदत में शुमार हो गया है। कई नेताओं और किसानों पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस—प्रशासन भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

विगत कई दिनों से वेव सिटी से कई ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं जिससे ​वहां के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ बाहरी नेता किसानों के नाम पर कंपनी को लगातार ब्लैकमेल करने का काम कर रहे हैं। वेव सिटी प्रबंधन को ब्लैकमेल कर जबरन समझौतों की शर्तों को न मानने का दबाव बना रहे हैं। वेव सिटी में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि छोटे समूह में कुछ तथाकथित किसान नेता आकर जबरन गेट पर नारेबाजी करने लगते हैं और कर्मचारियों के साथ अभ्रदता करते हैं। जबकि वेव ग्रुप प्रबंधन का दावा है कि किसान समझौतों की शर्तों को सिरे से नकार रहे हैं और लगातार ब्लैकमेल कर जबरन धन उगाही करना चाहते हैं।

वेव सिटी के चीफ आपरेटिंग आफिसर श्री सीजे सिंह का कहना है कि समझौते की शर्तों को 2014 में कंपनी ने मान लिया जो समय सीमा निर्धारित थी उसमें हमने पूरा कर दिया। समझौते के बिंदु संख्या तीन को हम इसलिए नहीं मान रहे हैं कि इसकी समय सीमा खत्म हो गई है। 11 साल बाद फिर यह मांग क्यों उठ रही है यह समझ से परे है।

जानकारी के मुताबिक कंपनी की ओर से 25 मई 2014 को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता में हाईटेक सिटी विकासकर्ता कंपनी के प्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं हाईटेक सिटी के गांव महरौली, सादिकपुर, काजीपुरा, बयाना, नायफल, शाहपुर बम्हैटा, इनायतपुर, आरिफपुर व सादतनगर इकला के समस्त किसानों ने भाग लिया। जिसमें सर्वसम्मति से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। समझौता पत्र के मुताबिक विकासकर्ता कंपनी के विकास कार्यों को निर्बाध रुप से पूर्ण किए जाने के लिए सभी किसान एवं किसान प्रतिनिधि सहयोग करेंगे एवं किसी भी स्थिति में विकास कार्यों में कोई व्यवधान नहीं करेंगे। लेकिन उक्त समझौतों के बावजूद आए दिन किसानों के प्रदर्शन एवं अराजकता फैलाने जहां विकास कार्य बाधित हो रहा है वहीं स्थानीय लोग भी खौफ में जी रहे हैंं।

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