ये वही ममता बनर्जी हैं जिन्होंने कभी बांग्लादेशी घुसपैठ के मु्द्दे पर संसद में चर्चा की मांग की थी और मांग ठुकराए जाने पर संसद की सदस्यता से इस्तीफा तक दे दिया था
नई दिल्ली। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के मुद्दे मुखर विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने साल 2005 में संसद में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया था। उन्होंने इस मुद्दे पर बोलने की इजाजत न मिलने पर तत्कालीन लोकसभा उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल पर कागज फाड़कर फेंक दिए थे। इतना ही नहीं संसद की सदस्यता से इस्तीफा तक दे दिया था।
उस वक्त यूपीए और लेफ्ट के कई सदस्यों ने अलग से बयान जारी कर ममता के इस व्यवहार की निंदा की और कहा कि उन्होंने सदन की गरिमा का अपमान किया है। साथ ही ममता से माफी की भी मांग की थी। आज वही ममता बनर्जी, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस के मुद्दे पर कहती हैं कि अगर बंगाल में एनआरसी लागू किया गया तो गृह युद्ध छिड़ जाएगा। इससे पहले ममता ने एनआरसी को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की।