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NRC विवाद: असम में खुफिया एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट, राज्यसभा में गृहमंत्री दूर करेंगे कंफ्यूजन

नई दिल्ली। एनआरसी को छिड़े विवाद के बीच असम में कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा मंडरा रहा है. खुफिया एजेंसियो ने केंद्र सरकार को सतर्क किया है कि देश विरोधी लोग इस स्थिति का फायदा उठा सकते हैं. असम के दूर दराज के इलाकों में सुरक्षा बलों को सतर्क किया गया. ममता कल गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलीं और शिकायत की कि बंगाल में भी एनआरसी होने की बात हो रही है. ममता ने राजनाथ को बता दिया कि ऐसा कुछ हुआ तो सिविल वार की नौबत आ सकती है.

इस बीच खबर है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए राज्य चुनाव आयोग को निर्देश जारी किए हैं. चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि वोटर लिस्ट से लोगों को बाहर करने में जल्दबाजी न दिखाएं.

गृहमंत्री राज्यसभा में रखेंगे सरकार का पक्ष
असम के एनआरसी मसौदे पर आज लोगो की भ्रांतिया दूर करने को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखेंगे. मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में उठाए गए सवालों का जवाब देंगे नामचीन लोगों के नाम कटने पर भी सफाई देंगे. दस्तावेज दिखाए जाने के बाद 40 लाख की संख्या कम हो सकती है. गृहमंत्री स्पष्ट करेंगे कि रजिस्टर का काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है.

आज संसद में हंगामे के आसार
असम के फाइनल एनआरसी ड्राफ्ट को लेकर सियासत तेज हो गई है. कल राज्यसभा में एनआरसी का मुद्दा उठा था, आज भी राज्यसभा में हंगामा जारी रह सकता है. मंगलवार को इस मुद्दे पर राज्यसभा में प्रश्नकाल को स्थगित कर चर्चा शुरू हुई थी लेकिन अमित शाह के बयान के बाद हंगामा हुआ जिसके बाद राज्यसभा को आज तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. अमित शाह ने कहा था कि हम में दम है इस वजह से हमने एनआरसी को लागू किया. इसके बाद कांग्रेस ने अमित शाह के बयान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अमित शाह को इतिहास की जानकारी नहीं है क्योंकि एनआरसी की शुरुआत यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई थी.

ड्राफ्ट के हिसाब से कार्रवाई नहीं होगी: सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि NRC की ड्राफ्ट लिस्ट के आधार पर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कल कोई निर्देश नहीं दिया लेकिन कहा अभी आप पूरी तफसील के साथ क्लेम और रिजेक्शन को लेकर मानक कार्य प्रक्रिया तैयार करें. हम उसे अपनी मंज़ूरी देंगे. हम फिलहाल चुप रहेंगे. लेकिन इस चुप्पी का मतलब ये नहीं है कि हम आपकी स्कीम से सहमत हैं या असहमत.’ सुप्रीम कोर्ट के सामने स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि लोगों को बताया जाएगा कि उनका नाम क्यों नहीं आया, साथ ही नागरिकता का दावा करने के लिए फॉर्म भी 7 अगस्त से मुहैया कराया जाएगा. ये भी बताया गया कि अभी NRC की फाइनल लिस्ट नहीं आई है.

क्या कहता है एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट?
असम में सोमवार को नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन कर दिया गया. जिसके मुताबिक कुल तीन करोड़ 29 लाख आवेदन में से दो करोड़ नवासी लाख लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब चालीस लाख लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं. NRC का पहला मसौदा 1 जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे. दूसरे ड्राफ्ट में पहली लिस्ट से भी काफी नाम हटाए गए हैं.

नए ड्राफ्ट में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं. इस ड्राफ्ट से असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बारे में जानकारी मिल सकेगी. असम के असली नागरिकों की पहचान के लिए 24 मार्च 1971 की समय सीमा मानी गई है यानी इससे पहले से रहने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है.

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