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सोशल मीडिया साइट्स को चलना होगा भारत के कानून के मुताबिक: रविशंकर प्रसाद

नई दिल्‍ली। संसद के मानसून सत्र का आज दसवां दिन है। राज्‍यसभा में असम एनआरसी मुद्दे पर हंगामा हो रहा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रश्न काल में कहा कि सभी सोशल मीडिया साइट्स को भारत के कानून के मुताबिक चलना होगा। सदन में आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह एनआरसी विवाद पर जवाब देंगे। मंगलवार को एनआरसी के मुद्दे पर हंगामे के बाद राज्‍यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्‍थगित करनी पड़ी थी। वहीं लोकसभा में भी इस मुद्दे को लेकर काफी हंगामा हुआ।

– लोकसभा में कांग्रेस ने महंगाई का मुद्दा उठाया। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूछा कि आखिर महंगाई पर सरकार कब लगाम लगाएगी? उन्होंने कहा कि विज्ञापन पर लगातार करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है, लेकिन आम जनता को राहत के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है।

– सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रश्न काल में फेक न्‍यूज के मुद्दे पर कहा कि सभी सोशल मीडिया साइट्स को भारत के कानून के मुताबिक चलना होगा। उन्‍होंने कहा कि डेटा की सुरक्षा के लिए हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए कानून का संसद से पारित होना भी जरूरी है।

– विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने लोकसभा में कहा कि बड़े ही कूटनीतिक परिपक्वता से डोकलाम मुद्दे को सुलझा लिया गया है। विदेश मंत्री प्रधानमंत्री की चीन यात्रा पर सदन के भीतर बयान दे रही हैं।

– राज्‍यसभा में सभापति ने जैसे ही अमित शाह से एनआरसी मुद्दे पर कल दिए जा रहे उनके बयान को पूरा करने का आग्रह किया, वैसे ही सदन में हंगामा हो गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया।
-वेंकैया नायडू ने कहा कि कल कुछ सांसद विरोध प्रदर्शन करते हुए वेल में आ गए थे, जिसे लेकर मैं बहुत नाराज हूं। मैं आशा करता हूं कि ऐसा फिर नहीं होगा और सदन की कार्यवाही ठीक से चलेगी।
-लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सवालों का जवाब दे रहे
-राज्यसभा की कार्यवाही शुरू, सभापति वेंकैया नायडू मौजूद

-असम के एनआरसी ड्राफ्ट पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में जीरो-ऑवर नोटिस दिया।

संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन
टीडीपी के सांसदों का आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्‍य की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। बुधवार को भी टीडीपी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

एनआरसी के ड्राफ्ट को लेकर मोदी सरकार अपना रुख साफ कर चुकी है। सरकार कहना है कि एनआरसी का ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में तैयार किया गया है। उनका इससे कोई सीधा संबंध नहीं है। हालांकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह कह चुके हैं, जिनका नाम ड्राफ्ट में शामिल नहीं है, उन्‍हें नागरिकता साबित करने के लिए मौका दिया जाएगा।

हालांकि अब एनआरसी के मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्ष इसे भुनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इधर भाजपा ने भी अपनी कमर कस ली है। भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह का कहना है कि एनआरसी कांग्रेस पार्टी लेकर आई थी, इसलिए राहुल गांधी इस पर अपना रुख साफ करें।

बता दें कि असम एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट के मुताबिक आवेदन किए गए कुल 3.29 करोड़ लोगों में 2,89,83,677 लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल किया गया है। इसमें 40 लाख लोगों को अवैध भारतीय नागरिक माना गया है। हालांकि अभी वह अपनी दावेदारी और आपत्ति जता सकते हैं।

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