नई दिल्ली। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) विवाद गरमाया हुआ है. आज राज्यसभा में भी इस मामले पर जमकर हंगामा हुआ. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के बागी नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा से एनआरसी की वास्तविकता जांचने के लिए एक टीम असम भेजने का आग्रह किया है.
ममता बनर्जी ने आज कहा है, ‘’असम हमारे बंगाल का बॉर्डर है. वह हमें भी प्रभावित करेगा. वह हमारा पड़ोसी है, अगर हमारा पड़ोसी परेशान है तो क्या हम उसके लिए आवाज नहीं उठाएंगे?’’ आज ममता ने संसद में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उनके पैर छुए थे और उनकी सेहत का हाल जाना था. ममता ने कहा, ‘’आज मैंने आडवाणी जी, सोनिया जी और राहुल जी से मुलाकात की है. इसके बाद में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात करूंगी.’’
गौरतलब है इस मामले पर कल ममता बनर्जी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए कहा, ”मैंने गृहमंत्री से कहा है कि आपके नेता कहते हैं कि अगला टारगेट पश्चिम बंगाल है. ये आदेश किसने दिया है. अभी वे कहेंगे की बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र और यूपी में इसे लागू करना है. ऐसे देश नहीं चलेगा. गृहयुद्ध हो जाएगा. खूनखराबा हो जाएगा. सत्तारूढ़ दल का काम ये नहीं होता है.”
ममता ने कहा कि हमने असम के बारे में गृहमंत्री को बताया. उन्होंने आश्ववासन दिया है कि वो लोगों को परेशान नहीं करेंगे. मानवता का ख्याल रखा जाएगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या केंद्र सरकार असम की तर्ज पर पश्चिम बंगाल में भी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) तैयार करने की कवायद चाह रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां एनआरसी पर बात करने के लिए आई. उन 40 लाख लोगों के नाम सौंपे जिनके नाम छूट गए हैं. मैंने उन्हें बताया कि उनका नेतृत्व दावा कर रहा है कि अगला एनआरसी बंगाल में बनेगा. उन्हें किसने अधिकार दिया है?’’ एनआरसी के सोमवार (30 जुलाई) को जारी किए गए अंतिम मसौदा सूची में करीब 40 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया है.