मेरठ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मेरठ में कावड़ यात्रा के लिए की गई तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. योगी ने हेलिकाप्टर से एरियल सर्वे कंडक्ट कर तैयारियों की समीक्षा भी की. 27 जुलाई से शुरू हुई ये यात्रा 9 अगस्त तक चलेगी. बता दें कि गंगोत्री से लेकर हरिद्वार तक और यूपी समेत छह राज्यों से करीब 3 करोड़ शिवभक्त कांवड़ लेकर सावन के महीने में जल चढ़ाने जाते हैं. योगी ने कांवड़ यात्रा को पूरे प्रदेश में सकुशल सम्पन्न कराने में पूरी मुस्तैदी के साथ सभी अधिकारियों और पुलिस बल को कार्य करने के लिए कहा है.
यह एक ऐसा मोबाइल एप है जिसमें कांवड़ यात्रा से जुड़ी हरेक जानकारी मौजूद है. कांवड़िए इस एप के जरिए सभी प्रमुख रास्तों की जानकारी, कांवड़ शिविरों की लोकेशन, स्नानघर, पुलिस सहायता और पुलिस चौकी और थानों की लोकेशन जान पाएंगे.
हरिद्वार से मेरठ तक कांवड़ मार्ग में 27 एम्बुलेंस और 28 चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा स्वयंसेवी समूहों के भंडारे और चिकित्सा शिविर अलग हैं. 1200 अस्थाई शौचालय और हर 500 मीटर की दूरी पर पीने के पानी की व्यवस्था कराई गई है. मोबाइल एप पर लाइव यातायात भी देखा जा सकेगा.
नौ ट्रेनों के लिए फुलप्रूफ सुरक्षा प्लान
वेस्ट यूपी के जिलों के रेलवे स्टेशन सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर 3 श्रेणी में बांटे गए हैं. सभी स्टेशन सीसीटीवी से लैस रहेंगे और सुरक्षा के लिए स्टेशन और ट्रेनों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात हैं. मसूरी एक्सप्रेस समेत 9 प्रमुख ट्रेनों पर इन दिनों नज़र रहेगी. आशंका के चलते संप्रदाय के लिहाज से मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, देवबंद, सहारनपुर के रेलवे स्टेशन संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं.
क्या है कांवड़ यात्रा ?
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा में जलाभिषेक का काफी खास महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि श्रावण मास में भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष फल मिलता है. सावन के महीने में भगवान शिव को खुश करने के लिए भक्तों द्वारा कई तरीके अपनाए जाते हैं. इन्हीं तरीकों में से एक है कांवड़ यात्रा.
सावन के महीने में शिव भक्त केसरिया कपड़े पहनकर कांवड़ के माध्यम से गंगा जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए नंगे पांव निकल पड़ते हैं. इन्हीं भक्तों को कांवड़ियों के नाम से जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि कांवड़ लाने से भगवान शिव भक्तों से प्रसन्न होते हैं. आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा में उम्र की कोई सीमा नहीं होती है. इस यात्रा में बच्चों से लेकर बूढ़े तक हर उम्र के लोग शामिल रहते हैं.