नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी मेहुल चोकसी को क्लीन चिट दिए जाने के मामले को लेकर सीबीआई और मुंबई पुलिस के बीच ब्लेम गेम शुरू हो गया है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि उसके पास इंटरपोल एंटीगुआ की ओर से मेहुल चोकसी के बैकग्राउंड की जांच करने की कोई भी अपील नहीं आई थी.
उन्होंने बताया कि मेहुल चोकसी के बैकग्राउंड की जांच करने के लिए विदेश मंत्रालय ने मुंबई रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को आवेदन भेजा था. इसके बाद मुंबई रीजनल पासपोर्ट ऑफिस ने इस संबंध में मुंबई पुलिस को खत लिखा था.
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि मेहुल चोकसी के बैकग्राउंड चेक करने की जिम्मेदारी मुंबई पुलिस स्पेशल ब्रांच की है. वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि चोकसी के खिलाफ सिविल मामले दर्ज हैं. लिहाजा उसके आवेदन को क्लीन चिट देने से रोकने का कोई वाजिब कारण नहीं था. बता दें कि मेहुल चोकसी के खिलाफ देश भर में एक दर्जन से ज्यादा केस दर्ज हैं.
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि पीएनबी स्कैम में गिरफ्तार एक आरोपी ने मेहुल चोकसी के बैंक ऑडिट को लेकर आगाह किया था. इसके बाद चोकसी ने एंटीगुआ में नागरिकता के लिए आवेदन किया था. अब सीबीआई ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए विदेश मंत्रालय को अपील भेजी है. इसी तरह नीरव मोदी ने भी सिंगापुर में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था, लेकिन वहां की सरकार ने भारत से संपर्क करने के बाद उसके आवेदन को खारिज कर दिया था.
सीबीआई और मुंबई पुलिस के बीच ब्लेम गेम का मामला उस समय सामने आया है, जब एंटीगुआ ने दावा किया कि साल 2017 में मेहुल चोकसी को नागरिकता देने से पहले उसके बैकग्राउंड की जांच की गई थी, तब भारतीय एजेंसियों ने बताया था कि अरबपति चोकसी के खिलाफ कोई मामला नहीं है.
निवेश से संबद्ध नागरिकता देने के लिए जिम्मेदार एंटीगुआ के निकाय ने चोकसी के मामले में मंजूरी देने वाली भारतीय एजेंसी में सेबी का भी नाम लिया. हालांकि सेबी ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उसे कभी ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला और ना ही उसने एंटीगुआ में सक्षम प्राधिकार को ऐसी कोई सूचना दी.