कानपुर। कानपुर पुलिस ने बड़ी कामयाही हासिल करते हुए बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक लूटने वाले लूटेरों को गिरफ्तार कर लिया है. बीते 3 जुलाई को दिन दहाड़े फ़िल्मी अंदाज में तीन लूटेरों ने देशी बम फोड़ कर बैंक से साढ़े चार लाख रुपए लूट लिए थे. पुलिस ने दो लूटेरों के पास दो लाख 23 हजार रुपए दो तमंचे और बाइक बरामद की है. एक लूटेरा पुलिस के गिरफ्त से बाहर है उसकी तलाश की जा रही है. लूटेरों ने दो महीने तक बैंक की रेकी थी और बकायदा उसका रिहर्सल भी कर चुके थे.
नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित आवास विकास हंसपुरम में बडौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बिनगंवा शाखा से बीते 3 जुलाई को सुतली बम फोड़ कर बैंक से 4 लाख 44 हजार रुपए लूट लिया था. इस घटना को मुकेश ,विल्सन उर्फ़ बबलू और राज कुमार ने घटना को अंजाम दिया था. तीनों लूटेरे बाइक से बैंक पहुंचे, विल्सन तमंचा लेकर गेट के पास खड़ा रहा. मुकेश जैसे ही बैंक के अन्दर घुसा उसने ताबड़तोड़ सुतली बम फोड़ना शुरू कर दिया. जिससे बैंक के अन्दर अफरा तफरी मच गयी और राजकुमार कैश काउंटर से नोटों से भरा बैग उठा लिया. इसके बाद एक ही बाइक पर तीनो लूटेरे भागने लगे तो स्थानीय लोगों ने लूटेरों का पीछा किया तो फायरिंग करते हए लूटेरे फरार हो गए.
एसएसपी अखिलेश कुमार मीणा ने बताया कि तीनों लूटेरे बैंक लूटने के बाद अपने घर चले गए. लूटेरे इस बात का इंतजार करने लगे कि मीडिया में क्या खबरे चलती हैं जब लूटेरों ने सीसीटीवी से निकाली गयी अपनी फोटो और स्थानीय लोगो द्वारा बनाए गए वीडियो टीवी पर देखे तो डर गए. इसमें एक विल्सन नाम का लूटेरा है जिसने मूछें रखी हुई थी, उसने अपनी मूछे बनवा कर पहचान छिपाने की कोशिश की. तीनों लूटेरे इधर-उधर छिपने के प्रयास में जुट गए. इस खुलासे के लिए हमारी क्राइम ब्रांच, स्वाट टीम और समेत कई टीमें इनके पीछे लगी थीं. मुकेश और विल्सन को गिरफ्तार कर लिया गया है. वही राजकुमार की तलाश जारी है जल्द ही वो हमारी पकड़ में होगा.
अखिलेश कुमार मीणा ने बताया कि मुकेश को देशी बम बनाने में महारत हासिल है. बैंक में जो बम फोड़े गए है वो मुकेश ने बनाए थे, लूटेरों ने यह बैंक इस लिए चुना था क्योंकि कि यह हाइवे किनारे था. जिससे लूटेरों को भागने में आसानी रहेगी इसके साथ ही इस बैंक में एक भी गार्ड तैनात नहीं था. बैंक लूटने का प्लान विल्सन और राजकुमार ने तैयार किया था.
विल्सन ने बताया कि बैंक लूटने से पहले हमने दो माह तक इस बैंक की रेकी की थी. बैंक की बारीकियों को समझा था और रिहर्सल भी किया. किसको कहा पर रहना है और किसे क्या करना है. इस काम में कितना वक्त लगेगा, बल्कि यह तक पक्की जानकारी थी की कितने कदमों पर कैश काउंटर है और बैंक में कितने कर्मचारी हैं.