नई दिल्ली। पाकिस्तानी सेना में ‘चौधरी साहब’ के नाम से मशहूर शख्स भारत के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह शख्स कनाडा और यूरोप में पनप रहे भारत विरोधी लोगों का मास्टरमाइंड है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने भारतीय खुफिया एजेंसियों के हवाले से खबर प्रकाशित की है कि यह शख्स कनाडा और यूरोपीय देशों में चल रहे ‘रेफरेंडम 2020’ नाम का एक खालिस्तानी आंदोलन का मास्टरमाइंड है. पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद मोहम्मद मलही उर्फ चौधरी साहब ही भारत विरोधी आंदोलन को बढ़ावा दे रहा है. वह एक बार फिर से पंजाब को खालिस्तान की बनाने के आंदोलन को हवा दे रहा है.
बताया जा रहा है कि भारतीय जासूसों को हासिल हुए दस्तावेजों में ‘रेफरेंडम 2020’ आंदोलन की विस्तृत जानकारी है. दावा किया जाता है कि ‘रेफरेंडम 2020’ को अमेरिका की ‘सिख फॉर जस्टिस’ चला रही है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिखों के हक की मांग करते हैं.
हालांकि अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि रेफरेंडम 2020 पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की उपज है, जो भारत विरोधी कार्यों में जुटा है. माना जा रहा है कि साल 2015 में ‘चौधरी साहब’ आईएसआई की लाहौर टुकड़ी का नेतृत्व कर रहा था, तब से उसने पंजाब को अशांत करने के लिए यह शुरू कराया है. ये भी माना जा रहाe है कि पिछले दो सालों में पंजाब में हुई हिंदू नेताओं की हत्याओं में भी चौधरी का ही हाथ है.
दावा किया जा रहा है कि जुलाई 2015 में गुरुदासपुर के दीनानगर और जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमलों में ISI की लाहौर यूनिट का ही हाथ था. लाहौर जिले के वापडा टाउन के रहने वाले 45 साल के शाहिद मोहम्मद मलही का सर्विस नंबर PA-35043 है. सूत्रों का कहना है कि शाहिद 13 अक्टूबर 1995 को बलोच रेजिमेंट की 25वीं बटालियन में कमिशंड हुआ था और 10 अगस्त 2012 को उसे लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक पर प्रमोट किया गया था.
मालूम हो कि करीब 34 साल पहले पाकिस्तान की सह पर पंजाब प्रांत में खालिस्तान के आतंकी काफी सक्रिय हो गए थे. वे पंजाब को अलग देश बनाने की मांग कर रहे थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के जरिए खालिस्तान समर्थकों को खात्मा किया था. सेना को पहली बार स्वर्ण मंदिर में घुसकर ऑपरेशन को अंजाम देने की इजाजत दी गई थी.